बीते सप्ताह में गरज के साथ छिटपुट बारिश के बावजूद दिल्ली पर भी भीषण लू का शिकंजा कसने में अधिक समय नहीं लगा। पारा उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे पिछले कुछ दिनों में ही 100 लोगों की जानें जा चुकी हैं।
अप्रैल 2016 से अब तक भीषण गर्मी यानि लू के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 340 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 102 लोग मई में ही जान गंवा चुके हैं। सेंटर फॉर होलिस्टिक डेव्लपमेंट, दिल्ली राज्य द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी में मौसम की मार और आश्रयविहीन लोगों के लिए पर्याप्त आश्रय स्थल की कमी के चलते इस बार की गर्मी दिल्ली के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
सबसे अधिक मौतें दिल्ली के कश्मीरी गेट क्षेत्र में होने की खबर है। कश्मीरी गेट क्षेत्र में मई की शुरुआत से 14 दिनों के भीतर 200 लोगों की जानें गई हैं। सेंटर फॉर होलिस्टिक डेव्लपमेंट, दिल्ली के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिया ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर मिले शवों के प्राथमिक परीक्षण से संकेत मिल रहे हैं कि यह मौतें भीषण गर्मी की वजह से ही हुई हैं।
मई की शुरुआत में लगातार 5 दिनों तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री के ऊपर दर्ज किया जा रहा था। सबसे अधिक तापमान 3 मई को 46 डिग्री दर्ज किया गया। वर्तमान सप्ताह भी बेहतर नहीं है क्योंकि बीते 4 दिनों से तापमान 44 डिग्री के आसपास बना हुआ है।
दिल्ली में आश्रयविहीन लोग गर्मी से बचने के लिए आश्रय स्थलों का रूख कर तो रहे हैं लेकिन आश्रय स्थलों में क्षमता से अधिक लोगों की भीड़ के चलते स्थिति परेशान करने वाली है। पर्याप्त सुविधाओं की कमी के कारण आश्रय स्थल की तलाश में कई लोगों को सर छुपाने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है, जो मौत का कारण बन रही है।
गर्मी के रौद्र रूप के बीच आश्रय स्थलों में सुविधाएं चिंताजनक हैं। शेल्टर में रहने वाली एक महिला, सरस्वती ने बताया कि शेल्टरों में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था नहीं है और ना ही गर्मी से राहत के लिए पंखे या कूलर उपलब्ध हैं। अन्य लोगों का भी कहना है कि आग लगाने वाली इस भीषण गर्मी में टिन शेड वाले यह शेल्टर सज़ा देने वाले किसी बक्से में तब्दील हो जा रहे हैं।
यद्यपि इस हफ्ते हल्की वर्षा होने की संभावना है लेकिन तापमान में व्यापक कमी की कोई संभावना नहीं है। उल्टे अगले कुछ दिनों तक तापमान लगातार बढ़ता रहेगा जिससे गर्मी का प्रकोप और बढ़ जाएगा। गत वर्ष गृहविहीन लोगों में प्रतिमाह लगभग 250 लोगों की मौत हुई थी। इसमें जून में 485 लोग जबकि जुलाई में 364 लोग मारे गए थे। वर्ष 2013 में प्रति माह लगभग 200 लोगों की मौत हुई थी। जून में 288 और जुलाई में 278 लोगों की जानें गई थीं।
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