हरियाणा में इस साल मॉनसून रुखा रहा है। अब भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। वर्तमान सप्ताह में भी बहुत कुछ बदलने वाला नहीं है। 11 से 17 सितंबर के बीच हरियाणा के ज़्यादातर शहरों में मौसम शुष्क रहेगा।
बारिश नहीं होने की स्थिति में गर्मी भी बहुत ज़्यादा होगी। उमस भी परेशान करेगी।
हालांकि, मॉनसूनी हवाएँ पूरब दिशा से हरियाणा पर बढ़ेंगी जिससे पूर्वी हरियाणा में 12 से 17 सितंबर के बीच आंशिक तौर पर बादल आते जाते रहेंगे और एक-दो स्थानों पर बारिश भी हो सकती है।
पूर्वी हरियाणा में जो ज़िले प्रभावित हो सकते हैं उनमें हैं पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और रोहतक। इन क्षेत्रों में बादल आने और बारिश होने की संभावना इस दौरान रहेगी।
लेकिन फ़तेहाबाद, सिरसा, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्र गढ़, रेवाड़ी, जींद और कैथल जैसे पश्चिमी जिलों में पूरे सप्ताह के दौरान मौसम की मेहरबानी की उम्मीद नहीं है।
इस मौसम के खेती पर असर की बात करें तो:
गर्म और आर्द्र मौसम में धान की फसल में गंधी-बग व तेले का प्रकोप की आशंका बढ़ जाती है। धान में अगर मलंगा या गंधी बग (राइस-बग) का प्रकोप हो तो 10 कि.ग्रा. मिथाइल पैराथियान 2% प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
सफ़ेद या भूरे तेले से बचाव के लिए 250 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. या 400 ग्राम कार्बेरिल 50 धु.पा. को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर छिड़कें।
धान की फसल इस समय जिस अवस्था में उसमें उचित नमी बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।
कपास में थ्रिप्स की निगरानी करते रहें। इसकी रोकथाम के लिए 800 मि.ली. फोसमाइट 50 ई.सी. कीटनाशक को 125-150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। फसलों से खर-पतवार, रोग व कीटों से ग्रसित पौधों को अलग करके नष्ट कर दें।
कपास, मक्का, सब्जियों आदि की फसलों में पानी का जमाव न होने दें। सब्जियों की रोपाई करने का अभी उचित समय है।
Image Credit: NewsD
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें ।