जानते हैं हरियाणा में 13 से 19 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। मौसम पूर्वानुमान के साथ हरियाणा के किसानों के लिए एड्वाइज़री भी इस लेख में उपलब्ध होगी।
हरियाणा में इस पूरे सप्ताह यानी 13 से 19 नवंबर के बीच मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। हालांकि आंशिक तौर पर बादल पूरे राज्य पर अधिकांश समय देखने को मिलेंगे। लेकिन यह बादल काफी ऊंचाई वाले होंगे जिनसे बारिश की उम्मीद हम नहीं कर सकते।
आपको बता दें कि इस समय जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पास एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं और इसके प्रभाव से बना चक्रवाती उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मौसम को प्रभावित करेगा। यही कारण है कि हरियाणा हमें बादल देखने को मिलेंगे।
साथ ही 14 और 15 नवंबर को सिरसा, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी सहित पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिलों में बारिश की गतिविधियां थोड़े समय के लिए देखने को मिल सकती हैं। लेकिन बारिश इतनी अधिक नहीं होगी कि जिससे खेती में जो इस समय तैयारियां चल रही हैं उसमें कोई बाधा आए। बल्कि यह कहा जा सकता है कि रबी फसल की बुआई के लिए इस समय हल्की-फुलकी बारिश लाभकारी ही होती है।
15 नवंबर के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख से पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म हो जाएगा और मैदानी इलाकों के पास बनने वाले मौसमी सिस्टम भी निष्प्रभावी हो जाएंगे हम उम्मीद करते हैं कि 16 नवंबर से सभी भागों में फिर से आसमान साफ और मौसम शुष्क हो जाएगा। 16 के बाद ही तापमान गिरेगा और राज्य में सर्दी बढ़ जाएगी।
सोनीपत, पानीपत, अंबाला, करनाल, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम सहित पूर्वी शहरों में प्रदूषण बढ़ सकता है।
इस मौसम के खेती पर असर की बात करें तो तापमान में गिरावट के कारण गन्ने की देर से पकने वाली फसल में पाले का असर दिख सकता है, इससे बचने के लिए फसल पर समय समय पर पानी लगाते रहें। गन्ने की मध्य कालीन फसल से गुड़ बनाने के लिए कटाई और पेराइ का अभी उपयुक्त समय है।
लाल-सड़न से प्रभावित गन्ने की भी कटाई कर लें। जहां ऐसे गन्ने अधिक हों वहाँ मोढी की फसल न लगाएँ। 14-15 नवम्बर के दौरान बादल छाए रह सकते हैं। इन दिनों फसलों की कटाई न करें और न ही किसी प्रकार का छिड़काव करें। रबी फसलों की बुआई करने के लिए मौसम और समय दोनों उपयुक्त हैं। किसान बंधु शीघ्र ही गेहूँ, जौ, दलहनी, तिलहनी, मौसमी सब्जियों आदि की बुआई सम्पन्न करें।
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