इस समय देश के कई भागों में मौसम की सक्रियता बनी हुई है। भारत के उत्तर, मध्य, पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में बारिश जैसी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। मध्य भारत पर बनी ट्रफ के चलते विदर्भ और उसके आसपास के भागों में बादलों की गर्जना के साथ बारिश दर्ज की गई है। विदर्भ के कुछ हिस्सों में बीती शाम हुई तेज़ बारिश के साथ कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी दर्ज की गई जिससे कई फसलों और फलों की खेती को नुकसान होने की आशंका है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय दक्षिणी मध्य प्रदेश से उत्तरी तमिलनाडु तक एक ट्रफ बनी हुई है। इसके प्रभाव से यहाँ कन्वेक्टिव बादल विकसित हो रहे हैं। ऐसे बादलों की मोटाई बहुत अधिक होती है जिससे ओलावृष्टि जैसी स्थिति बनना स्वाभाविक है। प्राप्त खबरों और स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विदर्भ के चंद्रपुर और ब्रह्मपुरी में कई जगहों पर ओले पड़े हैं।
इस समय रबी फसलें पक कर तैयार होने को हैं और कई फसलों की कटाई और मड़ाई शुरू हो चुकी है जबकि कुछ की कटाई मड़ाई जल्द ही शुरू होने वाली है। ऐसे में बारिश, तूफानी गति से चलने वाली हवाएँ और ओलावृष्टि जैसी मौसमी घटनाओं के चलते फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।
विदर्भ के इन दोनों जिलों में मुख्यतः ज्वार फसल बोई जाती है। यह फसल व्यापक रूप में ओलावृष्टि से प्रभावित हो सकती है क्योंकि इसकी कटाई का काम इस समय शुरू है। बारिश जैसी मौसमी गतिविधियां कभी-कभी जहां किसानों के लिए वरदान बन जाती हैं वहीं कभी-कभी यह किसी आफत से कम नहीं होती। हालांकि सरकार समय-समय पर किसानों को मदद के लिए आवश्यक उपाय करती रहती है। कृषि बीमा योजनाओं की ऐसी स्थितियों में ही बड़ी भूमिका हो जाती है। इसलिए किसानों को सुझाव है कि विपरीत मौसम की मार से बचने के लिए कृषि फसल बीमा ज़रूर लें।
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