मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों पर प्री-मॉनसून हलचल शुरू होने वाली है। इन दोनों राज्यों में 18 से 22 मार्च के बीच यह गतिविधियां संभावित हैं। इस समय मध्य भारत के राज्यों पर गर्मी बढ़ती जा रही है। तापमान बढ़ने की स्थिति में जब गरज वाले बादल बनते हैं तब कुछ हिस्सों में तूफान जैसा बवंडर भी उठता है। कभी-कभी हवाओं की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे से भी ऊपर चली जाती है। विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और दक्षिणी मध्य प्रदेश इस अवधि के दौरान बेमौसम बरसात की संभावना बन रही है। 18 से 22 मार्च के बीच संभावित मौसमी हलचल के दौरान कुछ इलाकों में बनने वाले गरज वाले बादल तबाही भी मचा सकते हैं।
देश के मध्य भागों पर एक साथ बनने वाले कई मौसमी सिस्टमों के कारण मौसम का उग्र रूप देखने को मिलेगा। एक तरफ केरल से लेकर महाराष्ट्र के आंतरिक भागों तक एक ट्रफ बना है तो दूसरी ओर गुजरात और छत्तीसगढ़ के दोनों ओर चक्रवाती सिस्टम भी सक्रिय हो गए हैं। इस मौसमी स्थिति के बीच एक कमजोर वायु क्षेत्र बनेगा जिससे गर्जना वाले ऊर्ध्वाधर बादलों के विकसित होने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनेंगी।
विदर्भ और दक्षिणी मध्य प्रदेश के कई शहरों में पारा 38 से 40 डिग्री के बीच पहुँच गया है और देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक हैं। बढ़ती गर्मी, इन दोनों राज्यों की भौगोलिक स्थिति और मौसमी सिस्टमों का सपोर्ट प्री-मॉनसून हलचल लेकर आएगा और 3-4 दिनों तक बारिश का दौर बना रहेगा।
देश के मध्य भागों में अपने सामान्य समय से कुछ पहले ही गर्मी का प्रचंड रूप दिखाई देने लगा है जिससे प्री-मॉनसून गतिविधियों के लिए मौसमी स्थितियाँ अनुकूल बन गई हैं। संभावित बारिश का सबसे ज़्यादा असर महाराष्ट्र से मराठवाड़ा और विदर्भ पर दिखाई दे सकता है जहां तेज़ आंधी, ओलावृष्टि, बादलों की तेज़ गर्जना तथा बिजली गिरने की घटनाएँ हो सकती हैं। इस तरह की अधिकांश गतिविधियां दोपहर बाद यानि शाम के समय होती हैं, जब गर्मी अपने चरम पर पहुँच चुकी होती है।
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