मध्य प्रदेश में मॉनसून की स्थिति अभी भी ज़्यादातर हिस्सो में सक्रिय है। प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से ही एक भी दिन शुष्क मौसम की स्थिति नहीं देखी गई है।
राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान, वर्षा की गतिविधियाँ कम देखी गई हैं, लेकिन उम्मीद है कि पूरे मध्य प्रदेश में बारिश फिर से बढ़ेगी । इसका पीछे मुख्य कारण है कि गुजरात से मध्य प्रदेश होते हुए बिहार तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, 28 सितंबर तक पूरे मध्य प्रदेश में रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।
28 सितंबर के बाद बारिश की तीव्रता विशेष रूप से दक्षिणी और मध्य जिलों में से कम हो जाएगी । इस दौरान, दक्षिणी जिलों के बालाघाट, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार और देवास में हल्की बारिश देखने को मिलेगी ।
बता दें कि, मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलो के रीवा, सतना, टीकमगढ़, शिवपुरी, गुना, और सागर में 28 सितंबर को मध्यम वर्षा हो सकती है।
आमतौर पर, सितंबर के तीसरे सप्ताह तक मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों से मॉनसून की वापसी शुरू हो जाती है और अक्टूबर के पहले सप्ताह आते आते मॉनसून मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों से वापस हो जाता है। अगर हम पूरे राज्य की बात करें तो 15 अक्टूबर तक मॉनसून आमतौर पर वापसी कर लेता है।
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इस साल की बात करे तो ,उम्मीद है कि राज्य के पश्चिमी भागों से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मॉनसून की वापसी हो जाएगी।
Image credit : Firstpost
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