गुजरात में इस साल मॉनसून सीज़न से ही जमकर बारिश हो रही है। मॉनसून के बाद भी कई ऐसे मौसमी सिस्टम विकसित हुए हैं जिन्होंने गुजरात के शहरों को व्यापक बारिश दी है। गुजरात से आमतौर पर मॉनसून की विदाई के बाद सितंबर में सेकंड समर सीज़न होता है। यानि बारिश के बाद गर्मी की फिर से वापसी होती है। लेकिन इस साल सितंबर और अक्टूबर में भी गुजरात में अच्छी बारिश हुई है।
English Version: Risk of approaching Cyclone fizzles out for Gujarat, rain likely in southern part of the state
इस बीच गुजरात के दक्षिणी शहरों में बारिश के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है। अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना था। यह प्रभावी होकर डिप्रेशन भी बना लेकिन अब इसके इंटेन्सिफिकेशन यानि और प्रभावी होने की संभावना नहीं है। कह सकते हैं कि एक और चक्रवाती तूफान गुजरात पर तबाही मचाने नहीं आ रहा है। बल्कि यह सिस्टम कमजोर हो गया है। जल्द ही अरब सागर में महाराष्ट्र के तटों के पास निष्प्रभावी हो जाएगा।
अरब सागर में उठे सिस्टम के चलते ही गुजरात के दक्षिणी भागों पर पिछले 24 घंटों से आंशिक बादल छाए हुए हैं। कुछ हिस्सों में हल्की बारिश भी हुई है। अगले 12 घंटों तक यहाँ इसी तरह से बादल आते जाते रहेंगे जिससे राजगढ़, जूनागढ़, जामनगर सहित दक्षिणी गुजरात के शहरों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। उत्तरी गुजरात और पूर्वी गुजरात के सभी हिस्सों में मौसम शुष्क ही बना रहेगा। कल से यानी 6 दिसम्बर से सौराष्ट्र क्षेत्र में भी मौसम साफ हो जाएगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गुजरात में 6 दिसम्बर के बाद अगले लगभग एक सप्ताह तक कोई मौसमी हलचल नहीं होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सक्रिय मौसमी सिस्टम ना तो अरब सागर में विकसित होगा और ना ही गुजरात से सटे राजस्थान पर बनेगा।
Image credit: Vishwagujarat
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