गुजरात में बीते कई दिनों से बारिश में कमी देखने को मिल रही है। जिसके कारण यहां के सौराष्ट्र और कच्छ देश के सबसे कम वर्षा वाले स्थान बन गए हैं। स्काइमेट में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इन क्षेत्रों में बारिश की 63 प्रतिशत कमी वहीं पूरे गुजरात राज्य में 29 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, वायु चक्रवात के कारण जून के दुसरे हफ्ते में गुजरात के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश देखने को मिली है। लेकिन इसके बाद उत्तर-पूर्वी अरब सागर पर किसी मौसमी सिस्टम के न होने से यहां कोई खास मौसमी गतिविधि नहीं हुई। हालांकि जून के अंत और जुलाई के शुरूआती दिनों में वलसाड, सूरत और आस-पास के इलाकों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। लेकिन इन हलचलों के दक्षिणी जिलों तक ही सीमित रहने के कारण पूरे राज्य में चल रही बारिश की कमी में कोई ख़ास सुधार नहीं दिखा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि गुजरात, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिणी राजस्थान पर बने एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण बारिश एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकती है। 20 जुलाई से लम्बे समय से चल रहा शुष्क मौसम खत्म होने के साथ ही गुजरात के अधिकांश इलाकों में मध्यम तथा एक-दो स्थानों में भारी बारिश हो सकती है।
अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों में नर्मदा, सूरत, भरुच, वडोदरा, छोटा उदयपुर, दाहोद, पंचमहल, खेड़ा, गांधीनगर, अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर समेत राजकोट, अमरेली, भावनगर और महेशना में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
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वहीं 22 या 23 जुलाई से बारिश में फिर से कमी देखने को मिल सकती है। इसके बाद 26 से 28 जुलाई के दौरान दोबारा यहां के दक्षिणी जिलों और अन्य इलाकों में बारिश होने की आशंका है।.
Image Credit: India Today
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