बारिश की वजह से बाढ़ का सामना करने के बाद, गुजरात में मानसूनी बारिश में काफी कमी आई है। वास्तव में, राज्य के अधिकांश हिस्से पिछले तीन से चार दिनों से शुष्क हैं।
प्रारंभ में, दक्षिण गुजरात और पूर्वोत्तर अरब सागर पर एक चक्रवात परिसंचरण बना हुआ था। इसके अलावा, सिलसिलेवार बनने वाले कम दबाव के छेत्रों का, देश के केंद्रीय हिस्सों से गुजरते हुए गुजरात की तरफ आगे बढ़ना जारी था।
इन दो मौसम प्रणालियों के कारण, राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रही। हालांकि, जब मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर की तरफ स्थानांतरित हो गई, तो इस वजह से वेदर सिस्टम कमजोर हो गया, जिसके चलते बारिश में कमी आई।
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बारिश में कमी के कारण, शुष्क मौसम हावी हो गया जो अभी भी जारी है और ऐसी परिस्थिति अगले कुछ दिनों तक बरक़रार रहने की उम्मीद है। हालांकि अलग-अलग जगहों पर बारिश देखने को मिल रही है और ऐसा आगे भी हो सकता है।
कहीं-कहीं हो रही इन बारिशों के चलते न तो तापमान पर कोई खास प्रभाव पड़ेगा और न ही कृषि छेत्र पर इसका कोई बड़ा असर देखने को मिलेगा। इसलिये, देश के इस सबसे पश्चिमी राज्य में शुष्क और गर्म मौसम बना रहेगा।
बारिश में आयी इस कमी ने राज्य में वर्षा के प्रदर्शन को प्रभावित किया है। 29 जुलाई तक गुजरात में 14 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गयी है। इस बीच, गुजरात क्षेत्र अभी भी 4 प्रतिशत अधिशेष के साथ बेहतर स्थिति में है। हालांकि, कम वर्षा गतिविधि की वजह से इसमें कमी आने की पूरी संभावना है।
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