गुजरात में भारी बारिश अब थम गई है लेकिन बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। अहमदाबाद, बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाना और पाटन सहित उत्तरी जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इनमें बनासकांठा ज़िले में हालात चिंताजनक बने हुए हैं क्योंकि जान और माल का सबसे अधिक नुकसान बनासकांठा में ही हुआ है।
इसकी गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने राहत कार्यों पर नज़र रखने और बाढ़ पीड़ितों को शीघ्र मदद देने के लिए 5 दिन के लिए बनासकांठा में ही रहने का फैसला किया है। ज़िले में बाढ़ के चलते 61 लोगों के मारे जाने की खबर है। राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अब तक गुजरात में बाढ़ के चलते 186 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री 30 जुलाई को बनासकांठा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बनासकांठा के कंकरेज तालुका, खरिया और थारा इलाकों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर हर संभव मदद देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बाढ़ ग्रस्त इलाकों पर नजर रखने के लिए पांच दिन तक बनासकांठा में ही रहेंगे। बनासकांठा सहित राज्य के अन्य भागों में हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
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इस बीच गुजरात में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इस समय सौराष्ट्र और कच्छ पर हवाओं में एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। इसके चलते अरब सागर से समूचे गुजरात में आर्द्र हवाओं का प्रवाह बना हुआ है। अगले 48 घंटों तक स्थितियाँ ऐसी ही बनी रहेंगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि गुजरात में अगले 48 घंटों तक कुछ स्थानों पर हल्की और कहीं-कहीं मध्यम वर्षा जारी रहेगी। हालांकि यह बारिश बाढ़ के लिए फिर से कोई चुनौती खड़ी नहीं करेगी लेकिन इससे राहत और बचाव कार्यों में परेशानी बनी रहेगी। अगले 48 घंटों के बाद बारिश में कमी आने की संभावना है। बादल कम होंगे और तेज़ धूप खिलेगी जिससे राहत का काम आसानी से और तेज़ गति से होगा। लोगों को भी राहत मिलेगी। उसके पश्चात कम से कम एक सप्ताह तक जल्द वर्षा के आसार नहीं हैं।
प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ, सेना, हेलिकॉप्टर की सहायता से अब तक 8 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों को पूरी मदद उपलब्ध कराएगी।
Image credit: CDN News
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