गुजरात और राजस्थान में आमतौर पर इस समय बहुत कम वर्षा रिकॉर्ड की जाती है लेकिन इस बार असामान्य मौसम भारत के तमाम राज्यों में देखने को मिला है या नहीं जहां कम बारिश होती है वहां अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई और जहां अधिक वर्षा होती है वहां कम बारिश दर्ज की गई। गुजरात और राजस्थान में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है।
गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में अक्टूबर में हुई अच्छी वर्षा के चलते पोस्ट मॉनसून सीजन में बारिश के आंकड़े भले ज्यादा हैं लेकिन पूर्वी गुजरात जिसे गुजरात रीजन कहा जाता है मैं बारिश सामान्य से कम हुई है और राजस्थान के पूर्वी तथा पश्चिमी क्षेत्रों में भी कम वर्षा दर्ज की गई है। 1 अक्टूबर से 9 दिसम्बर के बीच गुजरात के पूर्वी भागों में सामान्य से 63% कम महज़ 10 मिमी वर्षा हुई है। पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 62% कम और पश्चिमी राजस्थान में 64% कम वर्षा देखने को मिली है। इन दो राज्यों में महज़ सौराष्ट्र एवं कच्छ एकमात्र ऐसे क्षेत्र हैं जहां सामान्य से अधिक (32% ज़्यादा वर्षा) वर्षा दर्ज की गई है।
इस बीच दोनों राज्यों में बारिश की संभावना है। गुजरात के लगभग सभी भागों में बारिश होगी जबकि राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भागों में हल्की बारिश के आसार हैं। इस समय एक साथ कई मौसमी सिस्टम विकसित हो रहे हैं जिससे बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। एक तरफ अरब सागर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम उत्तरी दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्य भागों में पहुंचेगा। साथ ही उत्तर भारत पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला है और एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मैदानी भागों पर बनेगा।
एक साथ कई मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से उम्मीद है कि गुजरात और राजस्थान के अधिकांश इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। 10 दिसम्बर को मौसम सबसे अधिक सक्रिय रहेगा जबकि 11 दिसम्बर को हलचल कम हो जाएगी। इन दो दिनों में गुजरात में सूरत से लेकर वलसाड, नवसारी, बड़ौदा, अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, राजकोट, सोमनाथ, वेरावल आदि जिलों में बारिश होगी। वहीं राजस्थान में उदयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, कोटा, सवाई माधोपुर और आसपास के शहरों में वर्षा होने की संभावना है।
Image Credit: DNA India
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