दक्षिणी हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश में कई जगहों पर तापमान में व्यापक गिरावट दर्ज की गई है। इन भागों में कई जिलों में रात में पारा 4 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जा रहा है। राजस्थान के सीकर में पारा शून्य पर पहुँच गया जबकि चुरू में 1.8 और श्रीगंगानगर में 2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसके चलते श्रीगंगानगर जैसे कई इलाकों में फसलों पर जमी ओस की बूंदें बर्फ की पतली परत के रूप में दिखाई दीं। जिसे पाला कहा जाता है।
स्काइमेट की कृषि टीम से मिली जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर में सरसों की फसल पर पाला साफ-साफ दिखाई दिया जिससे किसान चिंतित हैं और यह पाला फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पाला पड़ने की संभावना उन क्षेत्रों में बढ़ जाती है जहां तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम हो और आसमान साफ हो।
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पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के मैदानी भागों में पाला पड़ने के लिए स्थितियाँ अनुकूल थीं जिससे कुछ इलाकों में पाला पड़ने की खबरें हैं। पाला फसलों के लिए अच्छा नहीं माना जाता और अगर लंबे समय तक यह तो कई फसलें इसे झेल नहीं पाती और नष्ट हो जाती हैं। जब भी पाला पड़ने की आशंका हो तो फसलों को बचाने का एक ही तरीका है सिंचाई करना। फसलों की जड़ों में पानी होगा तो पत्तियों और तने पर पाला असर नहीं डाल पाएगा।
लेकिन हालात बदल रहे हैं क्योंकि हवा बदल रही है। जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुँचने वाला है जिसके चलते उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ फिलहाल शांत हो जाएंगी और दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलेंगी। इन हवाओं में गर्मी होगी जिससे तापमान बढ़ेगा और कल या उसके बाद अगले कुछ दिनों तक पाला पड़ने का खतरा नहीं रहेगा।
Image credit: The Hindu
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