अप्रैल में शुष्क मौसम और बेतहासा बढ़े तापमान के बाद मई के शुरुआती दो दिनों के दौरान भी देश के अधिकांश क्षेत्रों में लोगों ने भीषण गर्मी का अनुभव किया। और लगा कि जैसे गर्मी का प्रकोप इसी तरह से जारी रहेगा। लेकिन अब जल देव ने लगता है भारत पर कुछ कृपा की है और आने वाले दिनों में प्री-मॉनसूनी बारिश धीरे-धीरे और गति पकड़ने वाली है।
स्काइमेट ने जैसा अनुमान व्यक्त किया था, देश के कई भागों में 3 और 4 मई को अच्छी प्री-मॉनसूनी बारिश दर्ज की गई। यह कई इलाकों के लिए पहली प्री-मॉनसूनी बारिश थी लेकिन अच्छी खबर यह है कि आने वाले समय में और वर्षा होने के आसार हैं।
हिमालय के तराई वाले भागों में अच्छी वर्षा हुई है। ओड़ीशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के चलते भीषण गर्मी से लोगों को काफी हद तक निज़ात मिली है।
हालांकि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के अधिकतर इलाके इस दौरान सूखे ही रहे। लेकिन इस समय भारत के अलग-अलग भागों में बने कई मौसमी सिस्टमों के चलते यह संभावना बन रही है कि यह सिस्टम मौसम को प्रभावित करेंगे और प्री-मॉनसून वर्षा ज़ोर पकड़ेगी। देश के बचे इलाकों में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेगी।
मौसम पूर्वानुमान
लू से कुछ समय पहले तक प्रभावित उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान अच्छी बारिश होने वाली है। जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश दर्ज की जाएगी।
पूर्वी राज्यों में पहले से ही प्री-मॉनसूनी बारिश शुरू हो चुकी है। अगले 2-3 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश और बढ़ेगी। इस दौरान इन राज्यों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की जा सकती है।
पश्चिम बंगाल से ओड़ीशा तक बनी एक ट्रफ के चलते दक्षिणी छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, तेलंगाना, मराठवाड़ा और आंतरिक कर्नाटक में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बारिश देखने को मिलेगी। दक्षिणी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और तेलंगाना में बारिश धीरे-धीरे गति पकड़ेगी। हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत के भागों में बारिश का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं होगा और छिटपुट जगहों पर ही वर्षा दर्ज की जाएगी। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली तथा आसपास के शहरों में धूलभरी आँधी चलने, बादलों की गर्जना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बारिश की यह गतिविधियां ज़्यादातर दोपहर के बाद या दिन के पहले पहर यानि भोर में देखने को मिलेंगी। प्री-मॉनसून सीजन में वर्षा इसी तरह होती है। बादल की उपस्थिती और बारिश के रूक-रूक कर आने से निश्चित रूप से तापमान में कमी आएगी और कई इलाकों में, जहां अभी भी लू का प्रभाव बना हुआ है, राहत मिलेगी। बंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, नागपुर, गोरखपुर, पटना, निजामाबाद जैसे कई शहरों में इस दौरान वर्षा दर्ज की जाएगी।
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