बिहार विधानसभा के दूसरे चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा। दूसरे दौर के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राजग, क्षेत्रीय महागठबंधन के तीनों दलों जनता दल (यू), राष्ट्रीय जनता दल और काँग्रेस से कांटे की टक्कर के लिए तैयार है। इस चरण में राज्य के 6 नक्सल प्रभावित जिलों में 456 उम्मीदवार अपना राजनीतिक भविष्य आजमा रहे हैं।
बुधवार को 32 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त होने के साथ ही विशेषज्ञों का ध्यान 2010 के चुनाव परिणामों की तरफ केन्द्रित हो गया। जनता दल (यू) और राजद ने 2010 में 32 में से 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि भारतीय जनता पार्टी को मात्र 9 सीटों पर सफलता मिली थी।
मतदान के दिन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मौसम खुशनुमना रहने के आसार हैं। 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहे न्यूनतम तापमान के बीच सुबह के समय हल्की सर्दी महसूस की जाएगी जबकि इन भागों में चल रही हवा दोपहर की हल्की गर्मी को कम करेगी। इन भागों में बारिश होने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है।
बिहार चुनावों में जीत से भाजपा की ताकत राज्यसभा में बढ़ जाएगी। राज्यसभा में बहुमत होने पर ही केंद्र सरकार विवादित वस्तु और सेवा कर विधेयक को मूर्त रूप दे सकेगी। ऊपरी सदन में संख्याबल कम होने के चलते सरकार को अपने इस महत्वाकांक्षी विधेयक को पास करने में मशक्कत करनी पड़ी है।
जहां तक जनता दल (यू) और राजद की बात है तो यह चुनाव विकासवादी छवि वाले नितीश कुमार के लिए एसिड टेस्ट से कम नहीं है। लालू प्रसाद यादव के लिए यह चुनाव बिहार में उनके राजनीतिक अस्तित्व और उनकी प्रासंगिकता का संघर्ष है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव में कई वरिष्ठ नेताओं का भी राजनीतिक भविष्य दांव पर होगा। सभी 6 ज़िले नक्सल प्रभावित हैं, इसके मद्देनज़र इन जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
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