नए साल के आगमन के साथ कश्मीर, हिमाचल सहित उत्तर भारत के पहाड़ों जैसी बारिश की उम्मीद थी वैसी बारिश या बर्फबारी फिलहाल नहीं हुई। इसलिए कह सकते हैं कि लोकप्रिय हिल स्टेशनों पर गिरती हुई बर्फ देखने के लिए उत्तर भारत के पहाड़ों पर आए सैलानियों को निराशा हाथ लगी होगी। अच्छी बर्फबारी का आखिरी दौर 20 और 21 दिसम्बर को दिखा था।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब पहुंच रहा है। इस सिस्टम से आज से ही पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होने की संभावना है। हालांकि शुरुआत में बारिश कुछ ही इलाकों में सीमित रहेगी और इसकी तीव्रता भी कम ही रहेगी। लेकिन कल उत्तराखंड में कई जगहों पर बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी। इसमें मुक्तेश्वर, नैनीताल और मसूरी और आसपास के हिस्से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
इस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में भी कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बर्फबारी देखने को मिलेगी।
English Version: Consecutive Western Disturbances approaching the hills, rain and snow expected in Mukteshwar, Manali and Srinagar
यह सिस्टम भी बहुत प्रभावी नहीं है और अगले 48 घंटों तक बारिश या बर्फबारी देने के बाद यह आगे निकल जाएगा। लेकिन इसके पीछे एक नया मौसमी सिस्टम उत्तर भारत में आ रहा है। आगामी पश्चिमी विक्षोभ 6 जनवरी को आएगा और 8 जनवरी तक इसका प्रभाव उत्तर भारत के पहाड़ों पर दिखाई देगा। इस दौरान गतिविधियां अच्छी होंगी। जनवरी में जिन इलाकों में बर्फ नहीं गिरी है वहाँ भी बर्फ दिखाई दे सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिम भारत में पंजाब से लेकर हरियाणा और दिल्ली तक कुछ स्थानों पर गर्जना के साथ बारिश दर्ज की जाएगी। इसके चलते एक बार फिर से उत्तर के मैदानों में तापमान में उथल-पुथल दिखेगी।
पहाड़ों पर भले ही लंबे समय से बर्फबारी नहीं हो रही है लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहां न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान -3°C रहा। काजीगुंड में -5°C, बनिहाल में -2°C, मनली में -1.4°C और मुक्तेश्वर में 0°C पारा रिकॉर्ड किया गया।
Image credit: Himachal Watcher
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