बीते कई दिनों से उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को कोई सशक्त मौसमी सिस्टम प्रभावित नहीं कर रहा था। हालांकि इस दौरान पर्वतीय राज्यों के करीब से कम प्रभाव वाले पश्चिमी विक्षोभ गुजरते रहे हैं लेकिन यह अपना असर छोड़ने में कामयाब नहीं हुए। हाल ही में आया पश्चिमी विक्षोभ अपेक्षाकृत प्रभावी था, लेकिन इससे भी बारिश और हिमपात का दायरा ऊंची पहाड़ियों तक ही सीमित रहा।
इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब पहुँचने वाला है। स्काइमेट के अनुसार अफगानिस्तान तक आ चुके इस विक्षोभ की क्षमता काफी अधिक है। यह जल्द ही उत्तरी पाकिस्तान होते हुए उससे सटे जम्मू-कश्मीर के करीब पहुंचेगा। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं। शुरुआत में 10 दिसंबर को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होगी। 11 दिसंबर से बारिश और बर्फबारी का दायरा और तीव्रता बढ़ जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के गुलमार्ग, पहलगाम और हिमाचल प्रदेश के शिमला तथा धर्मशाला सहित कई भागों में अच्छी बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी। इस दौरान उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे स्थानों पर भी बर्फबारी का नज़ारा देखने को मिल सकता है।
इस पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के मैदानी भागों में भी मौसम करवट लेगा। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की जाएगी। राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में भी बादलों की गरज के साथ छिटपुट वर्षा के आसार हैं।
मौसम का मिजाज़ बदलने की क्षमता रखने वाले इस सिस्टम के चलते उत्तर भारत में दिन और रात के तापमानों में गिरावट दर्ज की जाएगी। उत्तर भारत के अधिकांश भागों में सर्द हवाएँ चलने से ठंड भी बढ़ जाएगी।
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