पूर्वी भारत के राज्यों में लंबे समय बाद कई स्थानों पर अच्छी वर्षा होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में 30 मार्च को बारिश हो सकती है। झारखंड और बिहार के भी पूर्वी इलाकों में वर्षा का अनुमान है। पूर्वी राज्यों में 31 मार्च से गतिविधियां बढ़ जाएंगी। संभावना है कि 31 मार्च से 2 अप्रैल के बीच गंगीय पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
झारखंड और बिहार के भी कुछ इलाकों में 31 मार्च से वर्षा में वृद्धि का अनुमान है। इस दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक बारिश 1 अप्रैल को देखने को मिलेगी। अधिकांश पूर्वी राज्यों में 2 अप्रैल से बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी लेकिन ओड़ीशा में उसके बाद भी प्री-मॉनसून वर्षा जारी रहेगी। बांकुरा, वर्धमान, भीरभूम, मुर्शिदाबाद, नादिया में 1 अप्रैल को भारी वर्षा होने के आसार हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मणिपुर तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। जिसके चलते इन भागों में बारिश होगी। 2 अप्रैल से यह कमजोर होगी जिससे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। हालांकि गंगीय पश्चिम बंगाल में छिटपुट जगहों पर गरज के साथ प्री-मॉनसून उसके बाद भी जारी रहेगी। भागलपुर, पुर्णिया, पटना, गया, रांची, जमशेदपुर, पूरी, भुवनेश्वर, कटक में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
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दूसरी ओर 1 अप्रैल को पश्चिम बंगाल से तटीय ओड़ीशा होते हुए आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ विकसित होगी जिसके चलते 2 अप्रैल से जहां शेष पूर्वी राज्यों में वर्षा कम होगी वहीं ओड़ीशा में बारिश बढ़ जाएगी। अनुमान है कि 2 से 4 अप्रैल के बीच ओड़ीशा में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। लंबे समय बाद ऐसी स्थितियाँ बनी हैं जब ओड़ीशा में कई स्थानों पर बारिश के आसार हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इन सभी राज्यों में आज से ही अधिकतम तापमान में कमी का सिलसिला शुरू होगा और अगले 3-4 दिनों तक इसमें और गिरावट होगी जिससे ओड़ीशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में लोगों को तेज़ गर्मी से बहुप्रतीक्षित राहत मिलेगी।
Image credit: DNA India
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