मध्य भारत के कई इलाकों में इस समय मॉनसून सक्रिय है। अगले 24 से 48 घंटों तक मध्य प्रदेश के दक्षिणी भागों में कई जगहों पर बारिश हो सकती है। इसके अलावा विदर्भ के अधिकांश हिस्सों में वर्षा की गतिविधियां कम हो गई हैं, लेकिन अगले 24 से 48 घंटों तक कुछ स्थानों पर हल्की मॉनसूनी बारिश जारी रहने की संभावना है। हालांकि विदर्भ में अच्छी बारिश का नया दौर 18 सितंबर से फिर से शुरू हो सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और इससे सटे महाराष्ट्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा अरब सागर की ओर पहुँच रही है। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से महाराष्ट्र के उत्तरी भागों और मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में अगले 48 घंटों तक कई जगह हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। विदर्भ क्षेत्र में नागपुर, यवतमाल, अकोला और आसपास के भागों में हल्की बारिश की संभावना है।
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मध्य प्रदेश के इंदौर, खरगौन, खंडवा, बेतुल, होशंगाबाद और आसपास के भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान अच्छी वर्षा हो सकती है। जबकि दक्षिण-पूर्वी भागों विशेषकर जबलपुर, बालाघाट, दमोह और मांडला जैसे स्थानों पर हल्की वर्षा का अनुमान है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। मध्य भारत में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मध्य प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। हालांकि छतरपुर, सागर, रीवा, सीधी, सतना, ग्वालियर और गुना जैसी जगहों पर छिटपुट बारिश की संभावना है। मध्य प्रदेश में फिलहाल मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य से कम रहा है। पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 29 प्रतिशत कम 700 मिलीमीटर, पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य 22 प्रतिशत कम 642 मिलीमीटर और विदर्भ में सामान्य से 26 फीसदी कम 661 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
अगले कुछ दिनों तक होने वाली बारिश और 18 सितंबर से फिर से आने वाले बारिश के झोंके के चलते आंकड़ों में कुछ सुधार होने की संभावना है। हालांकि उत्तरी क्षेत्र अभी बारिश की कमी से जूझते रहेंगे क्योंकि इस समय मॉनसून वर्षा का ज़ोर दक्षिणी हिस्सों में ही अधिक है।
Image credit: Mid-day.com
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