विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र और दक्षिणी मध्य प्रदेश में बीते एक महीने से बारिश की गतिविधियां देखने को नहीं मिली हैं। हालांकि मौसम का बादल मिजाज इस समय संकेत कर रहा है कि शुष्क मौसम का लंबा दौर अब खत्म होने वाला है।
मध्य प्रदेश के दक्षिणी भागों पर बने एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और दक्षिणी मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश दर्ज किए जाने की संभावना है। बारिश अधिकांश भागों में होगी लेकिन इसकी तीव्रता हल्की ही रह सकती है। हालांकि कुछ इलाकों में 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ अच्छी बारिश होने के आसार हैं। मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भागों और उत्तरी विदर्भ में एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।
कुछ भागों में शनिवार की रात से ही बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। विदर्भ के गोंदिया में 2 मिलिमीटर वर्षा हुई जबकि नागपुर और मध्य प्रदेश के जबलपुर में बूँदाबाँदी देखने को मिली। दक्षिण पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना यह मौसमी सिस्टम अनुमान है कि अगले 48 घंटों तक अपनी जगह पर बना रहेगा और सक्रिय रहेगा। एक ट्रफ भी इस सिस्टम के बीच से होते हुए कर्नाटक तक जा रही है। इन भागों में बारिश की गतिविधियां अगले 2-3 दिनों तक बनी रह सकती हैं।
बारिश से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ था। वर्तमान मौसमी बदलाव और धीरे-धीरे होने वाली बारिश की गतिविधियों के चलते तापमान में कमी होगी और अनुमान है कि यह सामान्य के आसपास पहुँच जाएगा।
महाराष्ट्र के अन्य भागों की बात करें तो राज्य के उत्तरी और तटवर्ती भागों में भी कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज किए जाने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अगले 48 घंटों के बाद कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है।
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