मॉनसून की अक्षीय रेखा तराई क्षेत्रों में पहुँच गई है। मॉनसून ट्रफ इस समय पंजाब के फ़िरोज़पुर से उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों से होते हुए पूर्वोत्तर भारत तक पहुँच रही है। इसके चलते उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी हिस्सों में बीते 24 घंटों में बारिश की गतिविधियां बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और पश्चिमी हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक मॉनसून की सक्रियता देखने को मिलेगी।
मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान मुरादाबाद में 84 और शाहजहाँपुर में 34 और लखनऊ में 13 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा कुछ भागों में हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली। फुर्सतगंज, बहराइच और वाराणसी में 9 मिमी, ओरई में 5 तथा बरेली और मेरठ में 1-1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
इस समय तराई क्षेत्रों से होकर गुज़र रही मॉनसून की अक्षीय रेखा अगले 4-5 दिनों तक हिमालय की तराई में ही बनी रहेगी। ऐसे में देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून की सक्रियता कम रहेगी। जून से सितम्बर के 4 महीनों के दौरान मॉनसून ब्रेक की स्थिति भी आती है जब देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून वर्षा कम हो जाती है। ऐसा तब होता है जब मॉनसून ट्रफ कई दिनों के लिए तराई क्षेत्रों में स्थिर हो जाती है। ऐसे में मॉनसून वर्षा तराई क्षेत्रों में ही केन्द्रित रहेगी।
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उत्तर प्रदेश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा रिकॉर्ड की गई है ऐसी गतिविधियां अगले 48 घंटों तक बनी रह सकती हैं। इस दौरान राज्य के बदायूँ, बागपत, बरेली, बिजनौर, हापुड़, ज्योतिबाफुले नगर, लखीमपुर खीरी और मेरठ के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बौछारें गिर सकती हैं। मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर और शामली में भी मॉनसून वर्षा के आसार हैं। राज्य के पूर्वी भागों जैसे इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर और राजधानी लखनऊ सहित अन्य हिस्सों में भी मॉनसून वर्षा के आसार हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून ट्रफ की स्थिति में 10 अगस्त से बदलाव आने की संभावना है। उसके पश्चात मॉनसून की अक्षीय रेखा तराई क्षेत्रों से दक्षिण में पहुंचेगी और देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून सक्रिय होगा।
Image credit: The Hindu
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