उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी राज्यों में मॉनसून इस समय सक्रिय है। पंजाब और हरियाणा के उत्तरी भागों में पिछले 24 घंटों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई है। पंजाब और हरियाणा के उत्तरी भागों में अगले 2-3 दिनों तक मॉनसून ट्रफ केन्द्रित रहेगी जिसके चलते अच्छी वर्षा देखने को मिल सकती है।
पंजाब में मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बुधवार की सुबह 8:30 बजे के बीच हुई बारिश के आंकड़े देखें तो पटियाला में 126 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पठानकोट में 49 मिमी, लुधियाना में 44 मिमी, भटिंडा में 42 मिमी, अमृतसर में 8 मिमी बारिश हुई।
हरियाणा में कुछ स्थानों पर विशेषकर करनाल जैसे उत्तरी हिस्सों में मध्यम बारिश दर्ज की गई। यहाँ मौसम केंद्र ने 24.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की। राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की वर्षा हुई है। हिसार में 2 और रोहतक में 1 मिलीमीटर बारिश हुई।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब के फिरोजपुर से गंगा के मैदानी इलाकों से होकर गुज़र रही है। अनुमान है कि यह अगले 4-5 दिनों तक हिमालय के तराई क्षेत्रों में ही बनी रहेगी। ऐसे में देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून की सक्रियता कम हो जाएगी। मॉनसून ट्रफ जब तराई क्षेत्रों में कई दिनों के लिए स्थिर हो जाती है तब ऐसी स्थिति को मॉनसून में ब्रेक कहा जाता है। यानि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून वर्षा कुछ समय के लिए बंद हो जाती है।
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फिलहाल अगले 48 घंटों तक उत्तरी हरियाणा और उत्तरी पंजाब में अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं। पंजाब के अमृतसर, पटियाला, चंडीगढ़, जालंधर और गुरदासपुर जैसे जिलों में कुछ स्थानों पर मध्यम जबकि कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। मोगा, फिरोज़पुर और भटिंडा जैसे राज्य के दक्षिणी भागों में कहीं-कहीं हल्की बारिश का अनुमान है।
हरियाणा के अंबाला, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत और यमुनानगर में मॉनसून वर्षा जारी रह सकती है। इन सभी क्षेत्रों में अगले 2-3 दिनों के बाद वर्षा कम हो जाएगी, लेकिन उसके बाद भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून ट्रफ की स्थिति में 10 अगस्त से बदलाव आने की संभावना है। उसके पश्चात मॉनसून की अक्षीय रेखा तराई क्षेत्रों से दक्षिण में पहुंचेगी और देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून सक्रिय होगा।
Image credit: Hindustan Times
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