दक्षिण पश्चिम मॉनसून सितम्बर के जाते-जाते उत्तर भारत से वापस हो गया। लेकिन सुखद यह रहा कि जाते-जाते इसने उत्तर भारत को बहुप्रतीक्षित बारिश में भिगोया। हालांकि प्रायद्वीपीय भारत के साथ-साथ अभी भी पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की गतिविधियां जारी हैं। स्काइमेट के अनुसार इन भागों में अक्तूबर के पहले पखवाड़े में इसी तरह से बारिश बने रहने की संभावना है।
मॉनसून का सामान्य से कमजोर प्रदर्शन रहने के कारण देश में इस वर्ष समग्र बारिश में 14% की कमी रही।
उत्तर भारत से मॉनसून वापस होने के बाद प्रायद्वीपीय भागों में अक्तूबर के पहले पखवाड़े के दौरान आमतौर पर बारिश की गतिविधियां बनी रहती हैं। पश्चिमी और पूर्वी तटीय भागों के नजदीक बनने वाले मौसमी सिस्टमों के चलते तमिलनाडु के साथ-साथ प्रायद्वीपीय भारत के कई भागों में लगभग 15 अक्तूबर तक बारिश जारी रहती है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी इस दौरान लगातार बारिश होती रहती है।
इस बार भी अरब सागर के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है जो महाराष्ट्र सहित पश्चिमी तटीय भागों में अगले 48 घंटों के दौरान बारिश देगा। बंगाल की खाड़ी में भी एक मौसमी सिस्टम बना हुआ है। धीरे-धीरे इसके और सशक्त होने की प्रबल संभावना है। इसके प्रभाव से ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश होगी।
इस सिस्टम के आगे बढ़ने से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के भागों में भी वातावरण में नमी बढ़ जाएगी और इन भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में अक्तूबर में कई दौर की संभावित बारिश से शुष्क मौसम के लंबे दौर से निजात मिलने की पूरी संभावना है।