पिछले दिनों मध्य भारत में बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर भारत की तरफ आ गई है। मॉनसून ट्रफ इस समय पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार तक पहुँच रही है। इसके अलावा एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पास से गुज़र रहा है। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव के चलते उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में अगले 2-3 दिनों तक कई जगहों पर मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून ट्रफ की स्थिति में बदलाव के चलते आज से ही मौसम बदल गया है। पश्चिमी विक्षोभ जैसे ही तराई क्षेत्रों के करीब पहुंचेगा और ट्रफ रेखा भी और उत्तरवर्ती होगी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में बारिश बढ़ जाएगी। बारिश का यह दौर अगले 2-3 दिनों तक जारी रह सकता है। इस दौरान राज्य के दक्षिणी भागों में कम वर्षा होगी जबकि तराई क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिमी जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार 2-3 सितंबर तकलखनऊ, मेरठ, बिजनौर, शाहजहाँपुर, रामपुर, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज औरगोरखपुरसहित राज्य के तराई वाले जिलों में मध्यम वर्षा होगी। कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मध्य और पश्चिमी भागों में भी अच्छी वर्षा का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इस समय के मौसमी परिदृश्य के अनुसार नेपाल के पर्वतीय भागों में भी फिर से तेज़ मॉनसून बारिश होने की संभावना बन गई है, जिससे उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में रहने वालों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। क्योंकि नेपाल की बारिश के बाद घाघरा और राप्ती सहित उत्तर से आने वाली कई नदियां फिर से उफान पर होंगी। आशंका है कि उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों विशेषकर गोरखपुर,बहराइच, महराजगंज, गोंडा और बस्ती में फिर से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
दूसरी ओर राज्य के दक्षिणी जिलों बांदा, झाँसी, चित्रकूट,कानपुर,इलाहाबादऔर वाराणसी सहित अन्य भागों में अपेक्षाकृत मौसम का जोर कम रहेगा। हालांकि अगले 2-3 दिनों के दौरान इन भागों में कई जगहों पर हल्की वर्षा दर्ज की जाएगी। इस दौरान कुछ स्थानों पर मध्यम बौछारें भी गिर सकती हैं।आगराऔर मथुरा में भी हल्की बारिश होने के आसार हैं।
Image credit: Rediff.com
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