[Hindi] इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा सहित उत्तर प्रदेश में अच्छी वर्षा

July 31, 2017 6:26 PM | Skymet Weather Team

उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीते कुछ समय से मॉनसून की सुस्ती देखने को मिल रही थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि मॉनसून की अक्षीय रेखा लंबे समय से मध्य भारत में बनी हुई थी। मध्य प्रदेश और गुजरात तथा राजस्थान पर बने मौसमी सिस्टमों के चलते मॉनसून की धुरी कभी झारखंड तो कभी ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ से मध्य भारत होते हुए राजस्थान और गुजरात में थी। यही वजह है कि ओड़ीशा, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में पिछले एक पखवाड़े में भारी मॉनसून वर्षा हुई है।

पूर्वी और पश्चिमी भारत में बने मौसमी सिस्टम अब निष्प्रभावी हो गए हैं जिसके चलते मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर में पहुँच रही है। मॉनसून ट्रफ इस समय राजस्थान से बरेली और वाराणसी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक है। इस बदलाव से देश के उत्तरी भागों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। उत्तर प्रदेश अगले 3-5 दिनों तक बारिश का केंद्र बना रहेगा।

फिलहाल राज्य के दक्षिणी हिस्सों में बारिश शुरू होगी और अगले 48 घंटों तक जारी रहेगी। उसके पश्चात मॉनसून ट्रफ और उत्तर में तराई क्षेत्रों में पहुंचेगी जिससे राज्य के तराई वाले हिस्सों में भारी बारिश देखें को मिलेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी, आजमगढ़, जनपुर और इलाहाबाद से लेकर कानपुर, बांदा, चित्रकूट, आगरा और मथुरा सहित दक्षिणी हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।

अगले 48 घंटों के बाद मॉनसून की अक्षीय रेखा के उत्तरवर्ती होने के साथ ही तराई वाले जिलों में वर्षा की गतिविधियां बढ़ जाएंगी। लखनऊ, बहराइच, गोरखपुर, लखीमपुरखीरी, गोंडा, बस्ती, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद में 2 अगस्त से अच्छी बारिश होने की संभावना है। राज्य के मध्य और तराई क्षेत्रों में 2 अगस्त से 5 अगस्त तक कई जगहों पर अच्छी बारिश होगी जबकि कहीं-कहीं भारी वर्ष हो सकती है।

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खरीफ फसलों के लिए विशेषकर धान की फसल इस समय वानस्पतिक वृद्धि की अवस्था में है यानि पौधे विकास कर रहे हैं। ऐसे में फसलों को बारिश का पानी अमृत के समान है। कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश के किसान खुश हो सकते हैं कि अगले 4-5 दिनों तक मॉनसून की मेहरबानी से उनके खेतों में पानी की ज़रूरत पूरी होगी और फसलों को व्यापक लाभ होगा।

हालांकि इसी दौरान उत्तराखंड में भी मूसलाधार वर्षा की आशंका है जिसके चलते नदियां उफान पर होंगी और राज्य के कुछ इलाके बाढ़ की चपेट में भी आ सकते हैं। इसलिए नदियों के आसपास की आबादी और प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

 

Image credit: NDTV

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