[Hindi] मध्य भारत पर बने डिप्रेशन से अधिकांश जगहों पर बारिश की संभावना

September 17, 2015 5:09 PM|

Rain in Central Indiaबंगाल की खाड़ी से उठा मौसमी सिस्टम पश्चिम में आगे बढ़ते हुये मध्य भारत के ऊपर पहुँच गया है। गहरा निम्न दबाव और गहराते हुये अब डिप्रेशन का रूप ले चुका है। यह डिप्रेशन इस समयछत्तीसगढ़, उससे सटे दक्षिणीमध्य प्रदेशऔर विदर्भ पर स्थित है। यह धीरे-धीरे पश्चिम में बढ़ रहा है। इसके अगले कुछ दिनों तक इसी तरह सक्षम बने रहने के लिए मौसमी स्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं।

डिप्रेशन पूर्वी मध्य प्रदेश को पार करते हुये अगले 2 दिनों मेंगुजरातपहुँच जाएगा। इन दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, विदर्भ और मराठवाडा में अच्छी मॉनसूनी बारिश जारी रहने की संभावना है। गुजरात में इसका असर अगले 24 से 48 घंटों के बीच दिखना शुरू हो जाएगा। गुजरात के अधिकांश भागों में 18 से 20 सितंबर के बीच बारिश की गतिविधियां होंगी। इस दौरान गुजरात में कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश भी दर्ज की जा सकती है।

डिप्रेशन के प्रभाव से शुरू हुये बारिश के इस नए दौर से उम्मीद है कि कई भागों में बारिश की व्यापक कमी के आंकड़ों में कुछ सुधार आएगा।महाराष्ट्रके मराठवाडा क्षेत्र में अब तक औसत से 42% कम बारिश हुई है जिससे इन भागों में खरीफ फसल पर संकट मँडरा रहा था लेकिन बारिश के वर्तमान दौर से इन भागों में लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। 16 सितंबर तक मध्य महाराष्ट्र में 36% कम बारिश हुई है। यहाँ भी बारिश के आंकड़ों में सुधार देखने को मिलेगा। विदर्भ में 17% कम बारिश दर्ज की गई है, जो लगभग सामान्य के करीब पहुँच सकता है।

गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश लगभग सामान्य के आसपास हो गई है जबकि राज्य के शेष भागों में 32% कम वर्षा दर्ज की गई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि मध्य भारत से गुजरात पहुँचने वाले इस डिप्रेशन के प्रभाव से बारिश में कमी के आंकड़ों में अच्छा बदलाव देखने को मिल सकता है।

उत्तर भारत में भी बारिश की संभावना 

गुजरात को प्रभावित करने के पश्चात यह मौसमी हलचल दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान होते उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी 19 से 22 सितंबर के बीच अधिकांश जगहों पर वर्षा दे सकता है। इसी दौरान एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर तक पहुँचने वाला है। मध्य भारत पर बना डिप्रेशन गुजरात औरराजस्थानहोते हुये जब उत्तर के मैदानों तक पहुंचेगा उसी समय उत्तर में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर उत्तर भारत का भी मौसम बादल देगा। इन दोनों मौसमी हलचलों के संयुक्त प्रभाव से उत्तर भारत में कई जगहों पर वर्षा देखने को मिल सकती है।

Image Credit: India New Indian Express

 

 

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