महाराष्ट्र सहित प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में प्री-मॉनसूनी बारिश दस्तक देने वाली है। इस संभावित बारिश से गर्मी से हलकान मध्य भारत के कई इलाकों से लेकर प्रायद्वीपीय भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में लोगों को राहत मिल सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इन भागों में 4 से 8 अप्रैल के बीच बारिश का लंबा दौर चल सकता है। लगभग 4-5 दिनों तक चलने वाली बारिश की इन गतिविधियों से तप रही धरती के ठंडा होने और हीट वेब यानि लू में कमी आने के आसार हैं।
प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में आने वाले इस बदलाव के पीछे कई मौसमी सिस्टम जिम्मेदार माने जा रहे हैं। गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल से ओड़ीशा के ऊपर से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। जबकि एक अन्य ट्रफ महाराष्ट्र से तटीय कर्नाटक के ऊपर से होते हुए केरल तक बनी हुई है। यह दोनों सिस्टम 4 अप्रैल तक और सशक्त होंगे तथा प्रायद्वीपीय भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तीव्रता में बारिश दर्ज की जाएगी।
हालांकि दिन में धूप खिली रहेगी क्योंकि मौसमी गतिविधियां आमतौर पर दोपहर या शाम के समय देखने को मिलेगी। इसके चलते दिन की गर्मी और उमस के बाद शाम और रात में सुहावना मौसम राहत देगा।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार इन भागों में अगले 24 घंटों तक लू का प्रकोप जारी रहेगा, उसके बाद धीरे-धीरे मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्से, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तरी कर्नाटक के कुछ इलाके बीते कई दिनों से लू की चपेट में हैं। इन भागों में गर्मी से परेशान लोग तापमान में गिरावट की अपेक्षा करते रहे थे जबकि इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होती रही।
वर्तमान समय में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्र में दिन का तापमान 41 से 43 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है।
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