इस समय पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे मध्य प्रदेश के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों और मध्य प्रदेश के उत्तर पूर्वी भागों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसी निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मॉनसून की अक्षीय रेखा (AMT) भी हिमालय की तराई वाले भागों से दक्षिण की ओर नीचे आ गई है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय बिकानेर, ग्वालियर, वाराणसी, डाल्टनगंज और दिघा होते हुये बंगाल की खाड़ी में बनी हुई है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय बहुत प्रभावी नहीं है लेकिन इसके नीचे की तरफ आने से उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई भागों में हल्की बारिश दर्ज की गई है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य से संकेत मिल रहा है कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश गतिविधियों में कमी आएगी, हालांकि छिटपुट वर्षा कहीं कहीं जारी रह सकती है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भागों और उससे सटे मध्य प्रदेश में बारिश बढ़ जाएगी। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोनभद्र, भदोही, इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर और चित्रकूट में मंगलवार को कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और लखनऊ में भी हल्की से मध्यम वर्षा कुछ स्थानों पर होने का अनुमान है।
मंगलवार को उत्तरी मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है, खासतौर पर रीवा, पन्ना और सतना में अच्छी बारिश के आसार हैं। इन जिलों में एक-दो जगहों पर भरी वर्षा भी दर्ज किए जाने का अनुमान है। निम्न दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे और कमजोर होगा तथा अगले 24 से 48 घंटों में मॉनसून की अक्षीय रेखा भी उत्तर का रुख करेगी और हिमालय की तराई वाले भागों में पहुँच जाएगी जिससे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे मध्य प्रदेश में बारिश की यह गतिविधियां कम हो जाएंगी।