मार्च महीने में जम्मू कश्मीर सहित उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में अच्छी बारिश और बर्फबारी देखने को मिली। हालांकि बीते लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ था, जिससे मार्च के आखिर और अप्रैल की शुरुआत में कुछ स्थानों पर लोगों को लू का भी सामना करना पड़ा। हालांकि इस शुष्क और गर्म मौसम में फिर से बदलाव आया है और पर्वतीय राज्यों में बारिश शुरू हो गई है।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 2-3 दिनों तक मौसम में हलचल रहेगी। पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश के कारण हिमस्खलन और भूस्खलन की भी आशंका है। इसके मद्देनज़र पर्यटकों को सुझाव है कि आगामी 2-3 दिनों के दौरान पर्वतीय राज्यों में स्थित पर्यटन स्थलों पर ना जाएँ, ताकि किसी मुश्किल स्थिति का सामना करने से बच जाएँ।
इस समय जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अलावा एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत की ओर आता दिखाई दे रहा है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर है। इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 11 अप्रैल तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दौरान जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में ऊंचे स्थानों पर एक-दो जगह हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। बारिश और बर्फबारी की तीव्रता को देखते हुए इस बात की भी संभावना है कि कुछ स्थानों पर भू स्खलनऔर हिमस्खलन हो सकता है, कुछ रास्ते मलबा इकठ्ठा होने के चलते बंद हो सकते हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
बारिश के साथ जिन क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है उनमें हैं लेह, गुलमर्ग, केलोंग और रोहतांग पास। वैष्णो देवी में भी 11 अप्रैल तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने का अनुमान है। इसके अलावा अन्य पर्यटक स्थलों पर भी गरज के साथ बारिश जारी रह सकती है। बारिश के चलते तीनों पर्वतीय राज्यों में तापमान में भारी कमी होगी। 12 अप्रैल से मौसम साफ होगा जिससे तापमान फिर से ऊपर का रुख करेगा।
Image credit: DailyHunt
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