उत्तर भारत में फिर से होने वाली है बारिश और बर्फबारी। बर्फबारी का नज़ारा अगर आपको लेना है तो पहाड़ों का रुख कर सकते हैं 26 दिसम्बर से 28 दिसम्बर के बीच। इसी दौरान मैदानी इलाकों में भी कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। साल 2020 की यह आखिरी बर्फबारी होगी। इसके बाद पहाड़ों पर मौसम साफ हो जाएगा। लेकिन साल का आखिरी समय उत्तर भारत से लेकर गंगा के मैदानी भागों और मध्य भागों में काफी सर्द रहेगा।
वर्तमान समय में उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम साफ है। 24 दिसम्बर को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ आएगा जिसके चलते जम्मू कश्मीर, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और लद्दाख में आंशिक बादल छाने और कहीं-कहीं पर हल्की वर्षा या बूँदाबाँदी होने की संभावना है। यह सिस्टम कमजोर होगा जिससे ज़्यादा बदलाव की अपेक्षा फिलहाल नहीं है।
सक्रिय पश्चिमी सिस्टम 26 दिसम्बर को पहाड़ों के करीब पहुंचेगा और अगले 3 दिनों तक यानि 28 दिसम्बर तक यह सिस्टम उत्तर भारत पर ही रहेगा। इसके प्रभाव से 26 से 28 दिसम्बर के बीच जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के कई इलाकों में वर्षा तथा बर्फबारी होने की संभावना है। यह बर्फबारी 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच हो रही है इसलिए पर्यटकों को इसका आनंद उठाने का पूरा अवसर होगा।
बर्फबारी का नज़ारा गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, श्रीनगर, लाहौल स्पीति, शिमला, ऊना, धर्मशाला, बद्रीनाथ, केदारनाथ, चमोली जैसे कई हिल स्टेशनों पर मिल सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि भारी हिमपात के कारण कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन और भूस्खलन की घटनाएँ भी होती हैं। साथ ही सड़कों पर भारी बर्फ जमा होने के कारण रास्ते बंद हो जाते है। यानि जहां बर्फबारी का रोमांच होगा वहीं आवागमन बाधित होने और पहाड़ों के नजदीक वाले क्षेत्रों में चुनौती बढ़ने की आशंका भी रहेगी।
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी बादल आएंगे बारिश वाले
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों पर मौसम बदलेगा 26 और 27 दिसम्बर को जब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के शहरों पर बादल छाएंगे। इन भागों में बारिश भी हो सकती है। हालांकि बारिश की संभावना पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्रों के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में ज़्यादा है। इन राज्यों के दक्षिणी हिस्सों और दिल्ली में बूँदाबाँदी या हल्की वर्षा से अधिक के आसार नहीं हैं।
बारिश से पहले उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में शीतलहर चलेगी जबकि 26 से 28 दिसम्बर के बीच तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। उसके बाद मौसम साफ होने पर उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ फिर से अपना असर दिखाएंगी। कुल मिलकर कह सकते हैं कि दिसम्बर की विदाई और नए साल 2021 का आगमन कड़ाके की ठंड के बीच होने के आसार हैं।
Image credit: TourMyIndia
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