उत्तर प्रदेश लंबे समय से शुष्क मौसम का शिकार रहा है, या यूं कहें कि मॉनसून के आने से पहले और मॉनसून के आने के बाद भी राज्य में अच्छी वर्षा देखने को नहीं मिली है। हालांकि मॉनसून के आगमन के बाद गोरखपुर, कानपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी ऐसे कई शहर है जहां पर यदा-कदा भारी वर्षा भी दर्ज की गई। लेकिन इस बारिश से खेती अपनी रफ्तार में अब तक नहीं आ सकी है।
स्काईमेट का अनुमान है कि अगले एक सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश पर मानसून की अच्छी मेहरबानी होगी। राज्य में 7 जुलाई से अगले चार-पांच दिन उत्तर प्रदेश में पूर्व से लेकर पश्चिम तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में बारिश पूर्वी शहरों में खासकर वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, गाजीपुर, गोरखपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, प्रयागराज, जौनपुर, झांसी, बांदा और कानपुर में अधिकांश इलाकों में 7 जुलाई से 15 जुलाई के बीच मध्यम से भारी बारिश होगी। कुछ स्थानों पर मूसलाधार वर्षा होने की भी संभावना है।
बारिश का दायरा धीरे-धीरे लखनऊ सहित शाहजहांपुर, बरेली, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद जैसे पश्चिमी शहरों में भी पहुंचेगा। इन भागों में संभावना है भारी बारिश 8 से 15 जुलाई के बीच अधिकांश स्थानों पर देखने को मिलेगी। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जलभराव की स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।
आपको बता दें कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 जून के बाद से अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए उससे 50% कम बारिश हुई है। इस क्षेत्र में जहां 148 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी वहां महज़ 74 मिलीमीटर बारिश हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी वर्षा में कमी रही है। यहाँ 1 जून से अब तक आमतौर पर 107 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन बारिश महज़ 67 मिमी हुई है, जो सामान्य से 38% कम है।
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संभावित बारिश को देखते हुए हमारा अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी दोनों क्षेत्रों में बारिश के आंकड़ों में अच्छा सुधार आएगा। राज्य के तालाब, झील और जलाशय जलमग्न हो सकते हैं। अब समय आ गया है कि बारिश के पानी को संग्रहित करने के उपाय किया जाए जिसे काम बारिश की स्थिति में उसे खेती सहित अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा सके।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सभी भागों में मॉनसून आ तो गया है लेकिन आम लोगों की नजर में अभी उत्तर प्रदेश में मॉनसून वर्षा नहीं हो रही है और लोगों को अभी भी मॉनसून के आगमन का इंतजार है। हम आपको बता दें कि मॉनसून की घोषणा के मुख्यतः चार बिंदु होते हैं जिसमें बारिश सबसे प्रमुख है। इसके अलावा घने बादल छाए रहने, लगातार पूर्वी हवाएं चलने और तापमान में गिरावट होने पर मॉनसून की घोषणा कर दी जाती है। इन चार मुख्य बिंदुओं में बारिश अब तक कम हो रही थी लेकिन बाकी स्थितियां अनुकूल थीं जिससे राज्य में मॉनसून के आगमन की घोषणा कर दी गई।
अब उत्तर प्रदेश पर मॉनसून सक्रिय होगा जिससे अच्छी बारिश का इंतजार खत्म होगा। राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए आशंका है। नदियां उफान पर होंगी, जिससे नदियों के पास बसे ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात भी बन सकते हैं। साथ ही निचले इलाकों में पानी भर सकता है। यह कह सकते हैं कि साल 2019 में मॉनसून की पहली अच्छी बारिश उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों को भिगोने आए रही है।
Image credit: Canada
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