पूर्वी भारत, विशेषकर बिहार और पश्चिम बंगाल में अब तक अच्छी मॉनसूनी बारिश नहीं हुई। स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अभी कुछ दिन पहले तक बिहार में औसत से 70% कम बारिश हुई थी। जबकि पश्चिम बंगाल में 40 फीसदी कम वर्षा रेकॉर्ड की गई थी। हालांकि 21 जून से मॉनसूनी बौछारें जब शुरू हुई तो इन आंकड़ों में अच्छी कमी दर्ज की गई। अब यह आंकड़े पश्चिम बंगाल में 13% और बिहार में 57% पर आ गए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के श्रीनिकेतन में शुक्रवार की सुबह 8:30 से बीते 24 घंटों के दौरान 120.7 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई है, जो बीते 10 वर्षों में एक दिन में होने वाली सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड है। इसके अलावा कूच बिहार में 74.6 मिमी, कृष्णानगर में 54.6 मिमी, बहरामपुर में 49 मिमी, बर्धवान में 36.5, मालदा में 39, जलपाईगुड़ी में 25.3 और राज्य की राजधानी कोलकाता में 16.5 मिमी की अच्छी बारिश देखने को मिली है।
बिहार के भी कुछ हिस्सों में इस दौरान मध्यम बारिश हुई है। भागलपुर में 66.1 मिलीमीटर और पूर्णिया में 22.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालांकि राजधानी पटना में 1 मिलीमीटर की मामूली बारिश हुई है। इन भागों में बारिश की यह गतिविधियां बांग्लादेश और बिहार के ऊपर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते हो रही हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान भी बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। इन राज्यों में कुछ जगहों पर भारी बारिश के भी आसार हैं।
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