Updated on 14/09/2017 16:00 दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और इससे सटे ओड़ीशा में कई जगह हल्की से मध्यम वर्षा
विदर्भ पर पहले से ही बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य भारत के मौसम को प्रभावित कर रहा था। इसके साथ ही दो अन्य मौसमी सिस्टम भी मध्य भारत के भागों में विकसित हो गए हैं। एक सिस्टम ओड़ीशा के तटों पर बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती सिस्टम के रूप में विकसित हुआ है। इसके अलावा कोंकण से ओड़ीशा तक एक ट्रफ रेखा विकसित हो गई है। इन सिस्टमों के प्रभाव से मध्य भारत में अगले कुछ दिनों तक मॉनसून की सक्रियता बने रहने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिणी मध्य प्रदेश और विदर्भ में कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा मराठवाड़ा और इससे सटे मध्य महाराष्ट्र में भी कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने के आसार हैं। ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हो सकती है।
मध्य भारत के भागों में बीते कुछ दिनों से मॉनसून सक्रिय है। स्काइमेट ने इन भागों में पहले ही अच्छी बारिश का अनुमान लगाया था। बुधवार की सुबह 8:30 बजे से बृहस्पतिवार की सुबह 8:30 बजे के बीच 24 घंटों के दौरान जबलपुर में 50 मिलीमीटर, श्योपुर में 59 मिमी, जालना में 26, जगदलपुर में 43 और दुर्ग में 15 मिलीमीटर बारिश हुई।
Published on 13/09/2017 12:00 PM जबलपुर, भोपाल, इंदौर व नागपुर सहित दक्षिणी मध्य प्रदेश तथा विदर्भ में अच्छी वर्षा
मॉनसून 2017 मध्य भारत के कई इलाकों के लिए अब तक संतोषजनक नहीं रहा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में किसानों की शिकायत कम बारिश की रही है। आंकड़े भी गवाह हैं कि मध्य भारत अब तक पीछे है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भागों को छोड़कर अधिकतर इलाकों में कम वर्षा हुई है। विदर्भ में भी अधिकांश इलाकों में किसान परेशान हैं।
मध्य भारत के कुछ हिस्सों में पिछले दो दिनों से मॉनसून फिर से सक्रिय हुआ है, जिससे उम्मीद जगी है कि अब तक बारिश में रही कमी की भरपाई कुछ हद तक हो सकती है। विदर्भ और उससे सटे दक्षिणी मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। जिसके चलते इन भागों में वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। मध्य भारत में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
ओड़ीशा पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो आने वाले दिनों पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए मध्य भारत के भागों पर पहुंचेगा जिसके चलते अगले 3-4 दिनों तक मध्य भारत में मॉनसून की सक्रियता की अपेक्षा की जा रही है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भागों से लेकर दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों तक और विदर्भ सहित उत्तरी महाराष्ट्र तक कई इलाकों में अगले कुछ दिन बारिश वाले हो सकते हैं।
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इस दौरान मध्य प्रदेश में जबलपुर, बालाघाट, मांडला, छिंदवाड़ा, बेतुल, इटारसी, होशंगाबाद, खंडवा, खरगौन, धार, इंदौर, भोपाल और उज्जैन सहित अन्य दक्षिणी हिस्सों में अगले कुछ दिनों के दौरान बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की तो कहीं-कहीं मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। इसी तरह नागपुर, यवतमाल, वर्धा, अमरावती और अकोला सहित विदर्भ क्षेत्र में भी अगले 3-4 दिनों तक मॉनसूनी वर्षा की संभावना है।
मध्य प्रदेश और विदर्भ में इस मॉनसून सीजन में सामान्य से कम वर्षा हुई है। 1 जून से 13 सितंबर तक पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 29 प्रतिशत कम 687.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 24 प्रतिशत कम 611.3 मिलीमीटर और विदर्भ में सामान्य से 28 प्रतिशत कम 632.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
Image credit: Patrika.com
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