मध्य भारत में पहुँचने वाले मॉनसूनी सिस्टम के चलते महाराष्ट्र के लगभग सभी हिस्सों में मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना बन रही है। इस समय बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिणी ओड़ीशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के पास यह सिस्टम दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम का प्रभाव जैसे ही पश्चिम में बढ़ेगा महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में बारिश शुरू होगी। मराठवाड़ा में भारी बारिश होने के आसार दिखाई हैं। अब तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार मराठवाड़ा को छोड़कर राज्य के सभी भागों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। जबकि मराठवाड़ा 7 प्रतिशत से पीछे है।
तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिणी ओड़ीशा पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते बीते कुछ दिनों से विदर्भ में मध्यम से भारी बारिश की गतिविधियां जारी हैं। सोमवार की सुबह 8:30 बजे से मंगलवार की सुबह 8:30 बजे तक की 24 घंटों की अवधि में ब्रह्मपुरी में 81 मिलीमीटर, गोंदिया में 50 और चंद्रपुर में 39 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी तटों के करीब यह सिस्टम जैसे ही पश्चिम में बढ़ेगा, हमारा अनुमान है कि विदर्भ में कई जगहों पर मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की जाएगी।
धीरे-धीरे बारिश का प्रसार मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में भी फैलेगा। अगले 48 घंटों के दौरान समूचे महाराष्ट्र में अच्छी बारिश होने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 15 सितम्बर से कोंकण गोवा क्षेत्र में भी बारिश बढ़ने के आसार हैं। कोंकण-गोवा के उत्तरी भागों में 16 सितंबर को भारी से अति भारी बारिश होने के आसार हैं। लेकिन महाराष्ट्र के शेष भागों में बारिश की तीव्रता में व्यापक रूप में कमी दर्ज की जाएगी।
बीते दो-तीन वर्षों से महाराष्ट्र के अधिकांश इलाकों में अपेक्षा से काफी कम वर्षा मिली जिसके चलते हर वर्ष गर्मियों में राज्य के कई भागों में सूखा बड़ी चुनौती बना रहा था। वर्ष 2016 के मॉनसून में महाराष्ट्र को पर्याप्त बारिश मिली है। हाल की संभावित बारिश को देखते हुए अनुमान है कि इससे जल स्रोतों में व्यापक मात्रा में जल संग्रहण होगा। 22 सितंबर से एक नया मौसमी सिस्टम राज्य को प्रभावित करेगा जिससे कई जगहों पर फिर से बारिश का एक नया दौर देखने को मिलेगा।
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