इस समय उत्तर भारत के मैदानी भागोंपंजाब,हरियाणा,दिल्लीऔर पश्चिमीउत्तर प्रदेशमें अच्छी बारिश दर्ज की जा रही है। रविवार की सुबह 8:30 से पिछले 24 घंटों के दौरानचंडीगढ़में 76 मिलीमीटर बारिश हुई है।पटियालामें 19 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश केशाहजहाँपुरमें 101 मिमी की भारी वर्षा हुई है,मुरादाबादमें 68 मिमी,हरदोईमें 67,मुजफ्फरनगरमें 57 औरबरेलीमें 54 तथामेरठमें 40 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
स्काइमेट केCEO जतिन सिंहने जुलाई के मॉनसून पूर्वानुमान में कहा भी था कि 6-8 जुलाई के दौरान मॉनसून सक्रिय होगा और उत्तर, पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में अच्छी वर्षा होगी, यह पूर्वानुमान सच हुआ और इन भागों में मॉनसून सक्रिय होने से बारिश शुरू हो गई।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून भारत में 5 दिन की देरी से पहुंचा। हालांकि बाद में इसने रफ्तार पकड़ी और समय पूर्व ही 25 जून तक इसने उत्तर भारत में दस्तक दे दी। मॉनसून के आगमन के दौरान उत्तर भारत में 24 और 25 जून को अच्छी बारिश दर्ज की गई थी। उसके बाद से उत्तर भारत के लगभग सभी भागों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना हुआ था।
स्काईमेट के अनुसार इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उससे सटेजम्मू व कश्मीरपर पहुँच चुका है, जिसने उत्तर भारत के भागों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवती हवाओं का क्षेत्र भी बन गया है। मॉनसून की अक्षीय रेखा पश्चिमी विक्षोभ से होते हुये बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती हवाओं के इस क्षेत्र तक पहुँच रही है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समयफ़िरोज़पुर,करनाल,बरेली,भागलपुर,बांकुराऔरदिघाहोते हुये गुज़र रही है, जिससे इन भागों में भी अच्छी बारिश हो रही है।
बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र धीरे-धीरे और प्रभावी होगा जिससे इन भागों में नम हवाओं की अधिकता होगी तथा बारिश और बढ़ जाएगी। इसी के चलते पंजाब, उत्तरी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाकों में अगले 48 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश हो सकती है। इसके बाद 11 जुलाई तक हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी। इस वर्तमान दौर से बारिश में कमी के आंकड़े में व्यापक सुधार होगा और अनुमान है कि बारिश का आंकड़ा सामान्य के आसपास पहुँच जाएगा।
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