पूर्वी भारत में मानसून ने इस बार काफी देर से दस्तक दी है। शुरूआती दौर में बारिश हुई जरूरी, मगर, वह औसत से कम रही। पहले दौर में, 3 संभागों पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में बारिश औसत से कम दर्ज हुई। जून के आखि़र में भी इन इलाकों में अच्छी बारिश नहीं हो पाई। कुल मिला कर बारिश सामान्य से कम हुई, मगर अब स्थिति सुधर गई है।
उदाहरण के तौर पर, बिहार में जून मंे जितनी बारिश होती रही है, उतनी नहीं हुई। होने को झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी कम बारिश हुई मगर, वहां पर स्थिति बिहार से थोड़ी बेहतर है। बिहार में जहां 28 प्रतिशत कम बारिश हुई, वहीं झारखंड और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 7 और 4 प्रतिशत की कमी देखने को मिली।
मगर, अब स्थिति बेहतर हुई है और पिछले 4 दिनों में इन राज्यों के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। इन राज्यों के अधिकांश हिस्सों में 100 और उससे ज़्यादा प्रतिशत बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों में इन राज्यों के कुछ हिस्सों में तो तीन अंकों में बारिश दर्ज की गई है।
बृहस्पतिवार को सुबह 8.30 बजे से ले कर 24 घंटे में पश्चिम बंगाल में 157 मिलीमीटर बारिश हुई है। झारखंड की राजधानी रांची में 106 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जबकि पश्चिम बंगाल के ही बांकुरा में 66 मिलीमीटर बारिश हुई है। पिछले दिनों 6 जुलाई को बिहार के पटना और गया में भी ठीकठाक बारिश हुई है। पटना और गया में क्रमशः 86 और 66 मिलीमीटर बारिश रिकाॅर्ड की गई।
हाल के दिनों में मानसून में सुधार देखने को मिल रहा है। कुछ दिनों से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में अच्छी खासी बारिश हुई है। 9 जुलाई तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्थिति ज़्यादा साफ हो जाती है। बिहार में पिछले महीने तक जो बारिश में कमी देखने को मिली थी, वह घट कर 14 प्रतिशत ही रह गई है। पश्चिम बंगाल और झारखंड में जरूरत से ज्यादा बारिश हुई है और यह क्रमशः 2 और 5 प्रतिशत है।
बिहार और छत्तीसगढ़ में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि इन राज्यों के कुछ इलाकों में अगले दो दिनों में अच्छी खासी बारिश होने की उम्मीद है। बिहार में इसके जरिए बारिश की कमी की पूर्ति हो जाने की संभावनाएं हैं।
नेपाल की तराई से सटे बिहार में लंबे समय तक बारिश शुभ संकेत नहीं है। दरअसल, जिस तरह से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उससे यहां पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है। नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के मद्देनज़र बिहार के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
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