मॉनसून 2019 के विदाई का समय करीब है। लेकिन, इसके बावजूद अभी भी मध्य प्रदेश के भागों पर मॉनसून का प्रदर्शन सक्रिय बना हुआ है। राज्य में पिछले कई दिनों से बाढ़ जैसी बारिश देखने को मिल रही है। बता दें कि, आमतौर पर मॉनसून के वापसी के लिए सामान्य तिथि 1 सितंबर के आसपास होती है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मध्य प्रदेश के ज़्यादातर स्थानों पर मध्यम तीव्रता वाली बारिश रिकॉर्ड हुई है। जबकि, कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश भी देखने क मिली है। स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राज्य के खंडवा में 57 मिमी की अच्छी बारिश के साथ खजुराहो में 37 मिमी, दमोह में 35 मिमी, उज्जैन में 34 मिमी, इंदौर में 14 मिमी, सागर में 18 मिमी और जबलपुर में 11 मिमी की अच्छी मॉनसून बारिश दर्ज हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। जबकि, इन भागों के तुलना में उत्तरी और पश्चिमी जिलों में बारिश की तीव्रता कम रहेगी। इसके अलावा, राज्य के ग्वालियर, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, शाजापुर, गुणा और नीमच के हिस्सों में हल्की बारिश के आसार हैं।
उसके बाद, कल यानि 19 सितंबर से राज्य में बारिश की गतिविधियां कम हो जाने का अनुमान है। संभावना यह भी है कि 20 सितंबर के बाद से राज्य में ज़्यादातर स्थानों पर हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश देखी जाएगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी-मध्य बंगाल की खाड़ी के भागों पर 24 सितंबर के आसपास एक निम्न दवाब क्षेत्र बनने की उम्मीद है, जो कि धीरे-धीरे भूभाग में प्रवेश करेगा। जिसके कारण, मध्य प्रदेश में 25 सितंबर के आसपास फिर बारिश में बढ़ोत्तरी दिख सकती है।
उस दौरान, प्रदेश के पूर्वी व दक्षिणी जिलों में मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश देखी जाएगी। रुक-रुक कर जारी रहने वाली बारिश की गतिविधियों के कारण राज्य में जलजमाव की समस्या से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अगले 48 घंटों के बाद बारिश की तीव्रता में कमी देखी जाएगी। लेकिन, मौसम पूरी तरह से शुष्क नहीं होगा।
आकाश में बादल छाए रहने व बारिश की गतिविधियां जारी रहने के कारण राज्य के तापमान में सही यानि सामान्य बनाए रखेगा। दिन का तापमान सामान्य से नीचे रहने के साथ सितंबर के पूरे महीने में मौसम सुखद बने रहने की उम्मीद है।
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उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए हम यह कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश से मॉनसून की वापसी सितंबर के अंत तक होने की संभावना कम है।
Image credit: DNA India
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