उत्तर प्रदेश में बीते दिनों भारी बारिश देने के बाद मॉनसून अब मुख्यतः मध्य प्रदेश पर केन्द्रित हो गया है। अगले कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश में मूसलाधार वर्षा के संकेत नहीं हैं। हालांकि मॉनसून सीज़न चल रहा है और ऐसे में छिटपुट जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस बीच उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीते दिनों की भारी बारिश के चलते राज्य की कई नदियां उफान पर हैं। नेपाल में भी हुई भारी वर्षा का असर उत्तर प्रदेश से होकर बहने वाली नदियों पर देखने को मिल रहा है। घाघरा, यमुना और गंगा राज्य की तीन बड़ी नदियों में कई जगहों पर जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है। कुछ जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
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खबरों के अनुसार इटावा और आसपास के भागों में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाराबंकी, गोंडा और बहराइच जैसे घाघरा नदी के किनारे वाले जिलों में भी बाढ़ का खतरा है क्योंकि इन भागों में घाघरा नदी उफान पर है। कई जिलों में घाघरा खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गई है। बाराबंकी ज़िले में बीती रात घाघरा नदी खतरे के निशान से लगभग 23 सेमी ऊपर बह रही थी।
गंगा नदी का जलस्तर बीते 2-3 दिनों में इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर और वाराणसी जैसे कई जिलों में तेज़ी से बढ़ा है। हालांकि इन भागों में हो रही मूसलाधार वर्षा अब थम गई है जिससे कुछ राहत मिल सकती है लेकिन नदियों के उफान में जल्द कमी आने के संकेत नहीं हैं क्योंकि उत्तर के पहाड़ों से पानी का अधिक प्रवाह इन नदियों में अभी भी बना हुआ है। राप्ती और सरयू भी राज्य में उफान पर हैं।
भारी बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है। इन घटनाओं में लगभग 10 लोगों के मारे जाने की भी मीडिया में खबरें आ रही हैं।
इस बीच उत्तर प्रदेश में भारी बारिश देने वाले सिस्टम राज्य से दक्षिणी भागों में चले गए हैं जिसके चलते उत्तर प्रदेश में मूसलाधार वर्षा का सिलसिला अगले कुछ दिनों के लिए थम जाएगा। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के आंकलन के अनुसार स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 18-19 जुलाई तक विशेष बारिश नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक विशेष मौसमी सिस्टम नहीं हैं जिसके चलते बारिश में कमी बनी रहेगी। हालांकि राज्य में आंशिक बादल छाए रहेंगे और आर्द्र पूर्वी हवाओं का प्रवाह बना रहेगा। बारिश में विराम लगने से तापमान बढ़ेगा और अधिक उमस परेशान करेगी। अब से 18-19 जुलाई तक कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। लेकिन अच्छी बारिश के लिए अब इंतज़ार करना होगा।
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