पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में बारिश कम हो रही है। जबकि हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी भागों में रुक-रुक कर मॉनसून वर्षा का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड में तेज़ बारिश का क्रम लंबे समय समय से नहीं टूटा है। इस समय भी उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिल रही है।
उत्तराखंड में देहारादून में पिछले 24 घंटों के दौरान 45 मिलीमीटर की मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई। इसी तरह नैनीताल में 29 मिमी और मसूरी में 7.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में नाहन में 38 मिमी, चंबा में 25 मिमी और धर्मशाला में 22 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। कश्मीर में जम्मू में 27 मिमी, पहलगाम में 6 मिमी वर्षा हुई। राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की फुहारें देखने को मिली हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ 13 सितंबर को जम्मू कश्मीर के पास आने वाला है। इसके प्रभाव से पहाड़ों पर 13 से 15 सितंबर के बीच बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश पर अधिक देखने को मिलेगा और दोनों राज्यों में इस दौरान कई जगहों पर हल्की से मध्यम जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
दूसरी ओर उत्तराखंड में पहले की तरह ही अधिकांश जगहों पर मध्यम बारिश बनी रहेगी। उत्तराखंड में बारिश मॉनसून की अक्षीय रेखा के कारण हो रही है जो इस समय हिमालय के तराई क्षेत्रों के पास बनी हुई है। अगले 3-4 दिनों तक मॉनसून ट्रफ की स्थिति में बदलाव होता दिखाई नहीं दे रहा है जिससे राज्य में देहारादून, ऋषिकेश, नैनीताल, अल्मोड़ा सहित अधिकांश हिस्सों में बारिश होती रहेगी।
विशेषज्ञों की मानें तो अगले 3-4 दिनों के दौरान पहाड़ों पर संभावित बारिश के चलते मौसम सुहावना बना रहेगा। पर्यटकों के लिए स्थितियाँ मुख्यतः अनुकूल रहेंगी। लेकिन बारिश के सीज़न में लगातार होने वाली हल्की या मध्यम बारिश के कारण भी भूस्खलन का खतरा होता है। इसलिए एहतियात बरतने की ज़रूरत होगी।
Image credit: KNSKashmir
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