उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में विशेषकर जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अच्छी बर्फबारी का इंतज़ार अभी भी बना हुआ है। उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां पश्चिम से आने वाली मौसमी हलचल के चलते होती हैं, जिसे हम पश्चिमी विक्षोभ के नाम से जानते हैं। हालांकि नवंबर की शुरुआत से ही एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को पार करते हुए आगे निकल रहे हैं लेकिन अच्छी वर्षा और हिमपात की गतिविधियां इस शीत ऋतु में अब तक देखने को नहीं मिलीं क्योंकि यह सिस्टम पर्याप्त रूप में प्रभावी नहीं रहे हैं।
हालांकि 23 और 26 नवंबर को उत्तर भारत के करीब पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ अपेक्षाकृत सक्षम थे जिससे जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में हल्की वर्षा और बर्फबारी देखने को मिली। इन सिस्टमों को इस ऋतु के पहले सक्रिय सिस्टम के तौर पर देखा जा रहा है।
फिलहाल घाटी के भागों के साथ-साथ उत्तर भारत के अन्य पर्वतीय राज्यों में मौसम साफ़ और शुष्क रहने के आसार हैं। हाल में 26 नवंबर को आए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे निकलने के बाद मैदानी राज्यों में उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रवाह बढ़ गया है जिससे दिल्ली सहित मैदानी राज्यों के तापमान में गिरावट का क्रम फिर से शुरू हो गया है। यह सिलसिला अगले 48 घंटों तक जारी रहेगा। उसके पश्चात 29 नवंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब पहुंचेगा जिससे 29 नवंबर को जम्मू कश्मीर में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा और बर्फबारी देखने को मिलेगी। बारिश और बर्फबारी का दायरा और प्रभाव 30 नवंबर और 1 दिसम्बर अधिक होने की संभावना है।
हालांकि इस बार भी बर्फबारी ऊंचे पर्वतीय इलाकों तक ही सीमित रहने की संभावना है। लेकिन इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के मार्ग में कुछ परिवर्तन हो रहा है और यह नीचे से गुज़रने लगे हैं जिससे अच्छी बर्फबारी की अपेक्षा की जा सकती है। यह निश्चित है कि जब तक उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में अच्छी बर्फबारी नहीं होगी तब तक मैदानी भागों में कड़ाके की ठंड देखने को नहीं मिलेगी।
Image credit: Rediff.com
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।