एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब पहुँचने वाला है। इस समय यह सिस्टम उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे भागों पर दिखाई दे रहा है। अप्रैल में यह लगातार दूसरा पश्चिमी विक्षोभ है जो उत्तर भारत के पर्वतीय भागों को प्रभावित कर रहा है।
स्काइमेट के अनुसार इस मौसमी हलचल के चलते शनिवार से ही जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। आने वाले समय में भी इसका प्रभाव बना रहेगा और कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिलेगी। शनिवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान बनिहाल में 13 मिलीमीटर, श्रीनगर और काजीगुंड में 2 मिलीमीटर और जम्मू में 1 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
बीते 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। पश्चिमी विक्षोभ के आंकलन के पश्चात स्काइमेट के मौसमी वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि आगामी 24 घंटों के दौरान बारिश में और बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर वर्षा होने के आसार बने हुए हैं। उत्तराखंड में 10 और 11 अप्रैल को बारिश बढ़ने का अनुमान है। जम्मू कश्मीर से सटे पंजाब के हिस्सों में भी एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। हरियाणा में एक-दो जगहों पर मेघगर्जना, धूलभरी आँधी और बूँदाबाँदी होने के आसार हैं।
पश्चिम से आने वाला यह मौसमी सिस्टम अपेक्षाकृत बहुत सशक्त नहीं है लेकिन इसके चलते अगले 24 से 48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की पूरी संभावना है। बारिश की गतिविधियों में 11 अप्रैल की रात से व्यापक रूप में कमी आ जाएगी क्योंकि यह सिस्टम पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे निकल जाएगा। हालांकि पर्वतीय राज्यों में उसके पश्चात भी एक-दो स्थानों पर वर्षा दर्ज की जाएगी।
इस सिस्टम के आगे निकल जाने पर दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी लेकिन अधिकतम तापमान में विशेष बदलाव के आसार फिलहाल नहीं हैं।
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