वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए यूं तो पूरे वर्ष देश और दुनियाभर से श्रद्धालू पहुँचते रहते हैं लेकिन नवरात्रों में माता के दर्शन को लाखों की संख्या में भक्तों का तांता देखने को मिलता है। महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में से एक वैष्णो देवी धाम के पहाड़ों पर स्थित होने के चलते मौसम की स्थिति यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी अहम होती है। बीते कई दिनों से कटरा में बने साफ और शुष्क मौसम में जल्द बदलाव देखने को मिल सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आज जम्मू कश्मीर के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ वैष्णो धाम में भी आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क बना रहेगा। बादलों का प्रभाव कल से बढ़ेगा और शाम या देर रात से बारिश होने के भी आसार दिखाई दे रहे हैं। एक नया पश्चिमी विक्षोभ कल शाम से उत्तर भारत के हिमालयी राज्यों को प्रभावित करना शुरू कर सकता है। इस सिस्टम के प्रभाव से ही कटरा में भी बादलों का प्रभाव बढ़ने और 21 मार्च से हल्की बारिश की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है।
वैष्णो धाम में 22 और 23 मार्च को कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना और हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। बारिश के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट होने के आसार हैं। बीते 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य के आसपास है। कटरा में बारिश तथा जम्मू कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के चलते यहाँ अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी और यह घटकर 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है।
कटरा में होने वाली बारिश पिंडी दर्शन के लिए चढ़ाई में मुश्किलें पैदा करती है। बारिश के चलते फिसलन पैदा होने से श्रद्धालुओं को यात्रा में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि वर्तमान मौसमी बदलाव यात्रा के लिए कोई विशेष चुनौती नहीं है, लेकिन छड़ी, छतरी और गर्म कपड़े साथ ले जाने जैसी अन्य सावधानियाँ और तैयारियां ऐसी चुनौतियों से निपटने में आपके लिए सहायक हो सकती हैं।
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