एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों विशेषकर जम्मू कश्मीर के करीब पहुँच गया है। इसके प्रभाव से कल से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रे-मॉनसून वर्षा शुरू हो गई है। अनुमान है कि उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बारिश की गतिविधियां 7 मई तक बनी रहेंगी क्योंकि वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के बाद एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ भी जम्मू कश्मीर के करीब पहुँचने वाला है।
इससे पहले कश्मीर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ था जिसके चलते तापमान में भारी वृद्धि दर्ज की गई थी। कई स्थानों पर पारा सामान्य से ऊपर पहुँच गया है और कुछ इलाके लू की चपेट में आ गए थे। मौसम ने अब करवट ले ली है और पिछले 24 घंटों के दौरान पर्वतीय राज्यों हल्की वर्षा दर्ज की गई है।
वैष्णो देवी, श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम, शिमला, धर्मशाला, हमीरपुर, नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, देहारादून सहित अधिकांश स्थानों पर अगले 4-5 दिनों तक अंतराल पर वर्षा देखने को मिलेगी। तीनों राज्यों में कुछ स्थानों पर गर्जना के साथ वर्षा दर्ज की जाएगी। हालांकि कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
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लंबे समय के बारिश के दौर को देखते हुए कुछ स्थानों पर भूस्खलन की आशंका भी होगी। ऐसे में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जाने से बचने का सुझाव है। पहाड़ी क्षेत्रों पर पर्यटकों को जाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश के चलते पहाड़ी राज्यों में दिन और रात के तापमान में गिरावट आएगी। दिन में कई स्थानों पर पारा 4-5 डिग्री नीचे जा सकता है। इस बदलाव से पिछले दिनों से जारी लू समाप्त हो गई है। मौसम सुहावना हो गया है।
Image credit: Daily Hunt
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