उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में आ रहे एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों के चलते हैं जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले दिनों अच्छी बारिश हुई। ऊंचे पहाड़ी स्थानों पर बर्फबारी भी दर्ज की गई। इसका असर पहाड़ों से लेकर उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भी दिखाई दिया। पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तरी राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
इसके चलते 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास या उससे ऊपर पहुंच गया तापमान गिरकर 35 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया। हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से पर्वतीय राज्यों में मौसम शुष्क बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क ही बने रहने की संभावना है। उसके बाद 25 अप्रैल को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करेगा। यह सिस्टम उत्तरी पाकिस्तान के करीब है।
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अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते 25 अप्रैल की शाम से पर्वतीय राज्यों में 1-2 स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा देखने को मिलेगी। हालांकि आगामी सिस्टम पिछले पश्चिमी विक्षोभ जितना प्रभावी और सक्रिय नहीं होगा जिससे भारी वर्षा की उम्मीद फिलहाल नहीं की जा सकती। साथ ही इस बार ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के भी आसार नहीं हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
बारिश की तीव्रता और बारिश की गतिविधियां इस दौरान जम्मू कश्मीर में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तुलना में अधिक होंगी। आगामी वर्षा की संभावना को देखते हुए कह सकते हैं कि सामान्य से नीचे आ गया तापमान नियंत्रण में रहेगा। दिन और रात दोनों समय मौसम सुहावना बना रहेगा। ऊंचे और लोकप्रिय हिल स्टेशनों पर सुबह और रात के समय अच्छी ठंडक महसूस की जा सकती है।
पहाड़ों पर 25 अप्रैल से संभावित बारिश आपके पर्यटन के लुत्फ को बढ़ाएगी क्योंकि हिमस्खलन और भूस्खलन जैसी आशंकाएं नहीं जिससे सड़कें बंद होने या आवागमन बाधित होने की भी आशंका फिलहाल नहीं है। इसके मद्देनज़र इस सप्ताह आप पहाड़ों का रुख कर सकते हैं क्योंकि सुहावना मौसम आपका स्वागत कर रहा है।
Image credit: Indiamike
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