[Hindi] मध्य भारत में बारिश के एक नए दौर की संभावना

September 14, 2015 1:59 PM | Skymet Weather Team

बंगाल की खाड़ी के मध्य-पश्चिम में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 1-2 दिनों में और गहरा सकता है। इसके प्रभाव से देश के पूर्वी तटीय भागों पर पहले से ही बारिश की गतिविधियां हो रही हैं। निम्न दबाव के प्रभावी होते ही दक्षिणी ओड़ीशा, दक्षिणी छतीसगढ़ और तटीय आंध्र प्रदेश में बारिश की तीव्रता में वृद्धि हो जाएगी।

निम्न दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ेगा और तेलंगाना तथा महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में अच्छी बारिश देगा। आगे बढ़ते हुये यह मध्य महाराष्ट्र के ऊपर से पश्चिमी महाराष्ट्र को पार करेगा जिससे राज्य के अधिकांश भागों में बहुप्रतीक्षित वर्षा होने की उम्मीद है।

मध्य भारत के शेष भागों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। वैसे मध्य भारत में 2015 में मॉनसून का प्रदर्शन देश के अन्य भागों के मुक़ाबले बेहतर रहा है। मॉनसून के शुरुआत में जून में मध्य भारत के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। हालांकि मराठवाड़ा में मॉनसून की सुस्ती देखने को मिली। मराठवाड़ा में जून में बारिश में 17% की कमी दर्ज की गई जबकि मध्य भारत के शेष भागों में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक रही।

महाराष्ट्र के भागों में सितंबर में अच्छी मॉनसूनी बारिश दर्ज की गई। जबकि सितंबर के पहले पखवाड़े में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात अपेक्षाकृत सूखे रहे। हाल की अच्छी बारिश के बावजूद महाराष्ट्र में बारिश में कमी के आंकड़ों में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। यहाँ अभी सामान्य से 46% कम बारिश हुई है।

हालांकि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के प्रभाव से मध्य भारत में मॉनसून फिर से सक्रिय हो उठा है। जिसके चलते महाराष्ट्र के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगले 2-3 दिनों तक अच्छी बारिश होने के आसार हैं। गुजरात के दक्षिणी तथा मध्य भागों में भी कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जा सकती है। महाराष्ट्र के पश्चिमी भागों और दक्षिणी गुजरात के मौसम को अरब सागर में बना एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पहले से ही प्रभावित कर रहा है।

स्काइमेट का अनुमान है कि पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के चलते ओड़ीशा सहित मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और अरब सागर में बने निम्न दबाव से तटीय महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के भागों में अगले 3-4 दिनों तक बारिश की गतिविधियां जारी रहने का अनुमान है। जल की कमी से जूझ रहे मध्य भारत के कई भागों में बारिश का यह नया दौर बड़ी राहत देगा जिससे इन भागों में खरीफ फसल को बड़े पैमाने पर फायदा पहुँचने की उम्मीद है।

Image Credit: DNA India

 

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