हर साल आमतौर पर क्रिसमस पर उत्तर भारत की पहाड़ी वादियाँ वहाँ पहुँच सैलानियों को ताज़ा बर्फबारी का नज़ारा मिलता है। लेकिन साल 2019 के क्रिसमस पर कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक मौसम सभी जगहों पर शुष्क बना रहा। बारिश और बर्फबारी नहीं हुई। लेकिन अच्छी खबर है कि नए साल का वेलकम बर्फबारी के साथ होने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मौसमी मॉडल संकेत दे रहे हैं कि 30 दिसम्बर के आसपास के नया और प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों श्रीनगर, शिमला, कुफ़री, कुल्ली, मनाली, नैनीताल, मुक्तेश्वर और मसूरी में बर्फबारी हो सकती है।
इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित होगा जिसके चलते नए साल की पूर्व संध्या पर और 1 जनवरी, 2010 को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छी बर्फबारी के आसार हैं।
English Version: Chances of snow in Srinagar, Shimla, Manali, Nainital and Mussoorie increase around New Year
इस समय उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हो रही है। हालांकि पिछले दिनों ऊंचे इलाकों में हल्की वर्षा या बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। मौसम के शुष्क होने के बाद पहाड़ों पर न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आई है जिसके चलते कई जगहों पर बर्फ जमाने वाली ठंड पड़ रही है। श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान शून्य से 5 डिग्री कम और पहलगाम में 11 डिग्री कम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी ऐसी स्थितियाँ देखने को मिल रही हैं। आज सुबह मनाली में शून्य से 3 डिग्री कम और मुक्तेश्वर में शून्य से 0.2 डिग्री कम तापमान रहा।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर ऐसी स्थितियाँ अगले पश्चिमी विक्षोभ के आने तक जारी रहेंगी। अगला पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर 30 दिसम्बर के आसपास दस्तक दे सकता है। तब तक न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा। 31 दिसम्बर से पहाड़ों पर बर्फबारी फिर से शुरू होने की संभावना है।
Image credit: SunPost
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