एक छोटे अंतराल के बाद उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में फिर से वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना बन रही है। हालांकि पिछले सप्ताह की अपेक्षा मौसम की सक्रियता कम रहेगी। बीते सप्ताह में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई स्थानों पर भारी बर्फबारी दर्ज की गई जिससे तीनों राज्यों में जन-जीवन प्रभावित हुआ। उत्तर भारत में एक के बाद एक आए दो पश्चिमी विक्षोभों के चलते इन राज्यों में भारी हिमपात देखने को मिला।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब पहुँचने वाला है। यह सिस्टम इस समय अफगानिस्तान और उससे सटे भागों पर दिखाई दे रहा है और 13 जनवरी से जम्मू कश्मीर को प्रभावित कर सकता है। अनुमान है कि इस सिस्टम के प्रभाव से पर्वतीय राज्यों में शुक्रवार से बादल दिखने लगेंगे और 15 जनवरी से बारिश होने तथा बर्फ पड़ने के आसार हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी बारिश का दौर लंबा चल सकता है और इस दौरान अच्छी वर्षा कुछ स्थानों पर होगी जबकि कुछ इलाकों में अच्छी बर्फबारी होने के संकेत हैं। अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने की गति धीमी होने के चलते 3-4 दिनों तक पहाड़ों पर मौसम प्रभावित होगा और वर्षा तथा बर्फबारी देखने को मिलेगी।
हालांकि इस संभावित मौसमी हलचल के सकारात्मक पहलू भी हैं। इसके चलते शीतलहर की चपेट में बने उत्तर भारत के लोगों को राहत मिलेगी। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से दक्षिणी पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भी हवाओं का रुख बदलेगा और ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाओं का जगह लेंगी पूर्वी गर्म और आर्द्र हवाएँ। हवा बदलने से दिल्ली सहित मैदानी भागों में तापमान बढ़ेगा और कड़ाके की ठंड से फिलहाल राहत मिलेगी। मौसम में इस बदलाव से कोहरे की वापसी होने के आसार हैं।
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