समूचे देश में 29 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से मॉनसून की अक्षीय रेखा पिछले कई दिनों से हिमालय के तराई क्षेत्रों में बनी हुई थी। इसके कारण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर भारत के तराई क्षेत्रों में अच्छी बारिश हो रही थी। जबकि देश के बाकी भागों विशेषकर मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मॉनसून कमजोर हो गया था।
तराई क्षेत्रों में बनी ट्रफ अब कमजोर हुई है और उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में आ गई है। जिससे उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों सहित तराई क्षेत्रों में बारिश में कमी आएगी। इस स्थिति के बीच देश भर में बारिश की गतिविधियां तभी ज़ोर पकड़ती हैं जब बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में कोई सक्रिय मॉनसून सिस्टम विकसित होता है।
इस बीच एक नया मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है जिससे देश के अधिकांश भागों में मॉनसून सक्रिय हो सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों में अगले 24 घंटों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है। पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा के तटों के करीब उठ रहा यह सिस्टम धीरे-धीरे प्रभावी होगा और जल्द ही निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
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खाड़ी में विकसित होने वाले संभावित निम्न दबाव और मॉनसून ट्रफ के गंगा के मैदानी क्षेत्रों में आने के चलते संभावना है कि मध्य भारत में बारिश ज़ोर पकड़ेगी। आने वाले दिनों में बिहार, झारखंड, ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि देश के अधिकांश भागों में 5 जुलाई से 10 जुलाई के बीच अच्छी बारिश हो सकती है। पिछले दिनों समूचे भारत में मॉनसून कमजोर था जिससे देश भर में बारिश के आंकड़ों में व्यापक गिरावट हुई थी। हालांकि बीते चार-पाँच दिनों में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक अच्छी बारिश से इसमें सुधार आया है। देश भर में 1 जून से 3 जुलाई तक सामान्य से 7 प्रतिशत कम 176.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।
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