मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मौसमी सिस्टम आमतौर पर 1 सप्ताह तक सक्रिय रहते हैं। इसमें लगभग 2 दिन का समय लगता है जब यह सिस्टम पूरी तरह से प्रभावी या सशक्त हो जाते हैं। यह सिस्टम तकरीबन 4 दिन का वक्त लेते हैं जमीनी हिस्सों पर पहुंचने के लिए। इस समय बिहार पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह कई दिनों से सक्रिय है लेकिन अब यह कमजोर हो रहा है और अगले 2 दिनों में निष्प्रभावी हो जाएगा।
इस बीच बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिमी हिस्से और इसे सटे ओडिशा के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है, जो जल्द ही और प्रभावी होगा और अगले 48 घंटों में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो जाएगा। अनुमान है कि यह सिस्टम शुरुआत में उत्तरी दिशा में चलेगा और पहले गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड उसके बाद छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बाद में मध्य प्रदेश तक पहुंचेगा।
इसके प्रभाव से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तेज़ मॉनसूनी बारिश का एक नया दौर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। लेकिन यह सिस्टम भी महाराष्ट्र को प्रभावित नहीं करेगा और महाराष्ट्र में ज्यादा बारिश इसके चलते नहीं होगी।
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इस समय देश भर में औसत दैनिक बारिश 8 और 9 मिलीमीटर के आसपास है। यह एक बड़ी मात्रा है जबकि वर्तमान में देश के ज़्यादातर हिस्सों में बारिश घट गई है और मुख्य रूप से पूर्वी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों पर ही सीमित है। जिससे हर दिन सामान्य और वास्तविक बारिश में अंतर बढ़ता जा रहा है।
इस स्थिति में आने वाले दिनों में बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है। देश में मॉनसून सीज़न में सबसे ज़्यादा बारिश पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिमी तटीय हिस्सों पर होती है जहां इस समय बारिश काफी बंद हो गई है और आने वाले दिनों में इन भागों में मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना कम है।
Image credit: Daily Mail
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