मध्य भारत ने साल 2019 के मॉनसून में प्रलय देखी है। मध्य भारत में यूं तो ओड़ीशा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात तक अच्छी बारिश हुई है। लेकिन मॉनसून का प्रचंड रूप मध्य प्रदेश में देखा गया है। मॉनसून जाने से पहले एक बार फिर से मध्य प्रदेश सहित मध्य भारत के कुछ भागों बारिश देने वाला है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम भी बंगाल की खाड़ी में विकसित होगा। लेकिन इस बार इसकी दिशा पिछले निम्न दबाव के क्षेत्रों जैसी नहीं होगी। माना जा रहा है कि यह पश्चिमी दिशा में जाएगा। इस बार जब यह आगे बढ़ेगा तो महाराष्ट्र और तेलंगाना में अच्छी बारिश देगा। मध्य प्रदेश में भी बारिश होगी लेकिन इस बार मध्य प्रदेश राज्य मॉनसून के कहर से बच जाएगा।
Also read in English: LOW-PRESSURE AREA TO GIVE MODERATE RAINS OVER MADHYA PRADESH, TELANGANA, MAHARASHTRA, PROBABLE SYSTEM TO DEVELOP IN THE BAY
हालांकि मध्य प्रदेश पर इस समय एक निम्न दबाव का क्षेत्र पहले से ही मौजूद है। इसके चलते राज्य के कई इलाकों में बारिश हो रही है। विशेष बारिश की गतिविधियां पश्चिमी मध्य प्रदेश पर देखने को मिल रही हैं और रतलाम, उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद, मंदसौर और भोपाल सहित कई इलाकों में बाढ़ कर प्रकोप देखने को मिल रहा है।
एक तरफ यह सिस्टम कमजोर हो रहा होगा तो दूसरी ओर नया निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ते हुए मध्य भारत और उससे सटे दक्षिण भारत से आगे बढ़ेगा। उम्मीद है कि यह सिस्टम इस सप्ताह के मध्य से उत्तरी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र में बारिश देगा।
अच्छी खबर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के लिए भी है। इन क्षेत्रों में इस बार मॉनसून कमजोर रहा है लेकिन आगामी सिस्टम से इन क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। निम्न दबाव का सबसे अधिक प्रभाव सतारा, कोल्हापुर, पुणे, जलगांव, नाशिक, सांगली, सोलापुर सहित आसपास के भागों में देखने को मिल सकता है। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश बारिश के आसार हैं।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र और मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र के लोगों के लिए यह निश्चित तौर पर मॉनसून की विदाई से पहले उसकी सौगात मान सकते हैं। यहाँ अब तक बारिश में जो कमी रह गई है उसकी भरपाई हो सकती है। खेती को भी इससे लाभ होने की उम्मीद है।
माना जा रहा है कि इस निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मुंबई, रत्नागिरी, महाबलेश्वर सहित महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र यानि तटीय भागों पर भी बारिश देगा और कर्नाटक के भी कई इलाकों में इसके प्रभाव से बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। दूसरी ओर ओड़ीशा, झारखंड, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश के भागों में भी आर्द्र हवाएँ इस पूरे सप्ताह बनी रहेंगी जिससे बारिश की उम्मीद की जा सकती है।
अच्छी खबर यह है कि इस समय उठने वाला निम्न दबाव का क्षेत्र बहुत सशक्त नहीं होगा जिससे प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में बाढ़ तो नहीं आएगी लेकिन बारिश का दायरा अधिक भागों में होगा।
Image Credit: OneIndia
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।