बंगाल की खाड़ी पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। इस समय यह सिस्टम उत्तर पूर्वी और इससे सटे उत्तरी मध्य बंगाल की खाड़ी पर है अगले 48 घंटों में बांग्लादेश को पार कर जाएगा और पूर्वोत्तर भारत को भी सिस्टम इस दौरान प्रभावित करेगा। तमिलनाडु के तटों को पार करते हुए केरल तक एक ट्रफ बना हुआ है। साथ ही बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पहले से ही बना हुआ है। इसके अलावा अरब सागर पर भी चक्रवाती सिस्टम बने हुए हैं।
एक साथ भारत के दोनों ओर समुद्री क्षेत्रों पर बने मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से एक तरह उत्तर पूर्वी मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना है तो दूसरी ओर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में तेज़ बारिश के संकेत हैं।
कहाँ होगी सबसे ज़्यादा बारिश
पूर्वोत्तर राज्यों में इस समय भी घने बादल छाए हुए हैं और मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा समेत कई जगहों पर पहले से ही बारिश हो रही है। आगामी 48 घंटों तक निम्न दबाव का प्रभाव पूर्वोत्तर भारत पर रहेगा जिससे मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा से लेकर नागालैंड, मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश में 2 नवंबर तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश के संकेत हैं। बारिश के साथ बादलों की तेज़ गर्जना, बिजली गिरने और तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत के अलावा गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर गर्जना तथा मध्यम हवाओं के साथ अगले 24 से 36 घंटों के दौरान बारिश हो सकती है। इन भागों के तटों से सटे बंगाल की खाड़ी में हलचल काफी अधिक होगी जिससे मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह जारी की गई है।
मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा से लेकर नागालैंड, मेघालय में होने वाली इस बारिश के साथ कुछ स्थानों पर अचानक बाढ़ आने जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ इलाकों में जलभराव की भी संभावना है।
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